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पटना के बेउर जेल से फरार अपराधी ने की थी बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या Ranchi News

रांची के बहु‍चर्चित बीटेक छात्रा हत्‍याकांड की गुत्‍थी सीबीआइ ने सुलझा ली है। 15 दिसंबर 2016 की रात दुष्कर्म के बाद तार से गला घोंटकर छात्रा की हत्‍या कर दी गई थी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 23 Jun 2019 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 03:57 PM (IST)
पटना के बेउर जेल से फरार अपराधी ने की थी बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या Ranchi News
पटना के बेउर जेल से फरार अपराधी ने की थी बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या Ranchi News

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के सदर थाना क्षेत्र की बूटी बस्ती में 15 दिसंबर 2016 की रात सामूहिक दुष्कर्म के बाद बीटेक छात्रा की हत्या की गुत्थी को सीबीआइ ने सुलझा लिया है। बीटेक छात्रा (रांची की निर्भया) की हत्या बेऊर जेल से फरार अपराधी राहुल राज उर्फ रोडे राज उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन उर्फ अंकित (23 वर्ष) ने की थी। राहुल बिहार के नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरा गांव निवासी ऑटो चालक उमेश प्रसाद का बेटा है। सीबीआइ की टीम ने उसे लखनऊ से गिरफ्तार कर प्रोडक्शन वारंट पर रांची पहुंचाया। वह बेऊर जेल से फरार होने के बाद रांची कीबूटी बस्ती में ही छात्रा के घर के पास किराए के मकान में थोड़े दिनों तक रहा था।

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  • हैवानियत के बाद की गई थी रांची की निर्भया की हत्या
  • सीबीआइ ने केस को सुलझाया, फरार अपराधी राहुल राज को किया गिरफ्तार
  • 15 दिसंबर 2016 की रात दुष्कर्म के बाद तार से गला घोंटकर की गई थी हत्या, जलाया था चेहरा
  • बिहार के नालंदा जिले एकंगरसराय का रहने वाला है अपराधी राहुल राज

लखनऊ में भी राहुल पर दर्ज है दुष्कर्म का मामला
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक आरोपित युवक राहुल का आपराधिक इतिहास रहा है। छिनतई, चोरी और छेडख़ानी के कई मामले उसके खिलाफ अलग-अलग थानों में दर्ज हैं। उसके खिलाफ लखनऊ में भी दुष्कर्म का एक मामला दर्ज है। शनिवार को सीबीआइ की टीम उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर रांची पहुंची थी। सीबीआइ की विशेष अदालत में प्रस्तुत करने के बाद राहुल को छह जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल, उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, होटवार भेजा गया है। अब सीबीआइ की टीम उसे रिमांड पर लेकर उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाएगी।

पेरोल पर छूटने के बाद हो गया था फरार
राहुल के खिलाफ एकंगरसराय थाने में भी वर्ष 2016 में एक मामला दर्ज है। पटना स्थित बेऊर जेल से पैरोल पर एक श्राद्ध कर्म में शामिल होने के लिए वह घर गया था और उसके बाद फरार हो गया था। गिरफ्तार राहुल की मां नालंदा के ही औंगारी गांव में अपने ममेरे भाई के साथ रहती है। राहुल का अपने घर से कोई लेना-देना नही है। उसका एक भाई भी अपराधी किस्म का है।

बड़ी चुनौती था घटना का खुलासा करना
15 दिसंबर 2016 की रात रांची की बूटी बस्ती स्थित अपने घर में अकेली मौजूद बीटेक छात्रा की सामूहिक दुष्कर्म के बाद तार से गला घोंटकर हत्या की गई थी। हत्या के बाद छात्रा के चेहरे को मोबिल छिड़ककर जला दिया गया था। रांची पुलिस से लेकर सीआइडी तक ने जिस कांड को चुनौती के रूप में लिया था, उस कांड में दोनों ही विंग शून्य पर रहे। इसके बाद 28 मार्च 2018 को सीबीआइ ने इस केस को टेकओवर कर मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में स्टेट एफएसएल ही नहीं, सेंट्रल एफएसएल से भी जांच करवाई जा चुकी है। छात्रा से जुड़े छह मोबाइल अब भी पुलिस के पास जब्त हैं। फॉरेंसिक की रिपोर्ट में छात्रा के स्वैब जांच में एक ही पुरुष के स्पर्म मिले थे।

पैरोल पर आया, पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर भागा
रांची के सदर थाना क्षेत्र के बूटी बस्ती में सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में सीबीआइ के हाथों गिरफ्तार राहुल राज उर्फ रोडे राज उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ आर्यन उर्फ अंकित का आपराधिक इतिहास रहा है। वह छिनतई, चोरी, छेड़खानी व दुष्कर्म की कई घटनाओं का आरोपित रहा है। तीन साल पहले अपने चाचा के ब्रह्मभोज में शामिल होने के लिए बेऊर जेल से पैरोल पर छूटकर अपने गांव गया था और वहां रात में सभी पुलिसकर्मियों को शराब पिलाकर भाग गया था। इसके बाद से वह कभी अपने गांव नहीं आया। उसके खिलाफ एकंगरसराय थाने में भी प्राथमिकी दर्ज है। पटना में जहां रहता था, वहीं बगल के घर से उसने लैपटॉप भी चोरी की थी। इतना ही नहीं, वहां एक दंडाधिकारी के परिवार की लड़की से ही छेड़खानी कर दी थी।

झारखंड पुलिस फेल हुई तब सीबीआइ को सौंपी गई थी जांच
सदर थाना क्षेत्र के बूटी बस्ती में सामूहिक दुष्कर्म की हत्या के बाद खुलासे में जब झारखंड पुलिस की सभी विंग फेल हो गई थी तब सीबीआइ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके बाद 28 मार्च 2018 को सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। 15 दिसंबर 2016 की रात की इस इस घटना के बाद पोस्टमार्टम, फॉरेंसिक जांच से लेकर सभी तरह की जांच हुई। छात्रा से दुष्कर्म की पुष्टि हुई, हत्या व मोबिल से चेहरे को जलाने की भी पुष्टि हुई, लेकिन पुलिस किसी अंजाम तक नहीं पहुंच सकी थी।

घटनास्थल के बगल में पुलिस का एक अस्थाई कैंप घटना के तीन महीने बाद तक रहा था, उपलब्धि शून्य रही। रांची पुलिस ने बूटी बस्ती के एक-एक घर के एक-एक व्यक्ति का डाटाबेस बनाया था। संदिग्धों की डीएनए जांच करवाई थी। साथ ही हत्यारों को पकड़वाने वाले के लिए एक लाख रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी, लेकिन सबकुछ बेकार रहा। इतना ही नहीं, पर्चा भी बांटा गया था, मोबाइल का सीडीआर भी निकाला गया था, कोई फायदा नहीं हुआ। जांच में जब झारखंड पुलिस के सभी विंग फेल हुए तो जांच का जिम्मा सीबीआइ को मिला था।

स्वैब रिपोर्ट में हुई थी केवल एक ही पुरुष की भूमिका पुष्टि
बीटेक छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पोस्टमार्टम के बाद जांच एफएसएल में जांच के लिए भेजी गई स्वैब रिपोर्ट में एक ही पुरुष के स्वैब की पुष्टि हुई थी। स्वैब में यह पुष्ट हो गया था कि निर्भया के साथ दुष्कर्म की घटना घटी है। तब स्वैब में पुरुष को इंगित करने वाला सेक्स क्रोमोजोम 'वाईÓ मिला था। 'वाईÓ क्रोमोजोम कितने तरह के थे। इसकी जांच की गई तो वह केवल एक ही तरह का मिला था। इससे यह स्पष्ट हुआ कि हत्या से पूर्व बीटेक छात्रा के साथ एक व्यक्ति ने ही संबंध बनाया। हालांकि, घटनाक्रम व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की मानें तो अपराधियों की संख्या कम से कम तीन हो सकती है। सीबीआइ इस एंगल पर भी अनुसंधान कर रही है। 

कब क्या हुआ

  • - 16 दिसंबर 2016 : रांची के बूटी स्थित घर में मिला निर्भया का निर्वस्त्र शव। दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर मार डालने और इसके बाद शव को जला देने के थे साक्ष्य।
  • - 17 दिसंबर 2016 : निर्भया को दी गई अंतिम विदाई। एडीजी ने 48 घंटे में खुलासे का किया था दावा। कॉल डंपिंग, सीडीआर से मामला सुलझाने की हुई थी कोशिश। तीन लोगों को हिरासत में लेकर हुई थी पूछताछ। संदिग्धों के कॉल डंपिंग, फेसबुक, वाट्सएप खंगाले गए। पूरे शहर में घटना को लेकर उठे विरोध के स्वर।
  • - 18 दिसंबर 2016 : मौके पर पहुंचकर डीजीपी ने किया था मुआयना। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम ने की जांच। चार को हिरासत में लेकर की गई थी पूछताछ। डीजीपी ने घटनास्थल को बनाया टीओपी। शहर में विरोध प्रदर्शन।
  • - 19 दिसंबर 2016 : आरटीसी कॉलेज सहित अन्य कॉलेजों के छात्रों ने बूटी मोड़ चौक किया था चार घंटे तक जाम। निर्भया के घर से बरामद चि_ियों की छानबीन। डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों से हुई पूछताछ।
  •  - 20 दिसंबर 2016 : सीएम ने दिया कातिलों को गिरफ्तार करने का आदेश। निर्भया का मोबाइल फेसबुक खंगाला। चार संदिग्धों को लिया हिरासत में।
  • - 21 दिसंबर 2016 : पुलिस ने सुराग देने वालों के लिए एक लाख की घोषणा। छह संदिग्धों को लिया हिरासत में। आरटीसी कॉलेज के छात्र मिले सीएम से।
  • - 22 दिसंबर 2016 : निर्भया के पिता को दिया गया तीन लाख का चेक। निर्भया की बड़ी बहन से हुई पूछताछ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दङ्क्षरदगी की पुष्टि।
  • - 23 दिसंबर 2016 : निर्भया की बहन और दोस्तों से हुई पूछताछ। निर्भया कांड के विरोध में बंद रही रांची और निर्भया का पैतृक गांव राहे।
  • - 24 दिसंबर 2016 : सहेलियों की निशानदेही पर आठ हिरासत में लिए गए। निर्भया के घर फिर पहुंची पुलिस, सुराग की तलाश। फेसबुक मित्रों की खंगाली गई कुंडली।
  • - 25 दिसंबर 2016 : फुचका, दवा दुकान, ऑटो चालकों सहित हर पहलुओं पर हुई जांच।
  • - 26 दिसंबर 2016 : सीएम ने दी 48 घंटे की मोहलत, सुराग नहीं मिलने पर सीबीआई को जांच सौंपने की कही बात। रामगढ़ के पतरातू से एक करीबी मित्र को लिया हिरासत में। पुलिस ने पुराने किराएदारों से की पूछताछ।
  • - 27 दिसंबर 2016 : हिरासत में लिए गए करीबी मित्र से पुलिस ने की पूछताछ।
  • - 30 दिसंबर 2016 : सीएम ने की सीबीआइ जांच की अनुशंसा
  • - जनवरी 2017 : सीआइडी को दी गई जांच की जिम्मेदारी। सीआइडी ने पंपलेट बांटकर हत्यारों का सुराग देने वालों के लिए की इनाम की घोषणा।
  • - 28 मार्च 2018 : सीबीआइ ने केस को किया टेकओवर। दर्ज की प्राथमिकी। जांच शुरू।
  • - 22 जून 2019 : सीबीआइ ने लखनऊ से राहुल राज उर्फ आर्यन उर्फ राज श्रीवास्तव उर्फ रोडे राज उर्फ अंकित को किया गिरफ्तार। प्रोडक्शन वारंट पर लेकर रांची पहुंची। सीबीआइ कोर्ट में प्रस्तुत कर 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेजी। आवेदन देकर कोर्ट से मांगा रिमांड।

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