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मकर संक्रांति पर गोशाला में गोभक्तों ने किया तुलादान

जासं रांची रांची गौशाला प्रांगण हरमू रोड रांची में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में गुरुवार

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 07:08 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 07:08 AM (IST)
मकर संक्रांति पर गोशाला में गोभक्तों ने किया तुलादान
मकर संक्रांति पर गोशाला में गोभक्तों ने किया तुलादान

जासं, रांची: रांची गौशाला प्रांगण हरमू रोड रांची में मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में गुरुवार सुबह 8:30 बजे से गो माता के भोजन के लिए तुलादान की व्यवस्था की गई थी। सभी कष्टों के निवारण के लिए गो भक्तों ने अपने वजन के बराबर गुड़, चोकर, मकई दर्रा, खल्ली, कुट्टी सहित अन्य सामग्री का दान किया। तुलादान महादान के निमित गोशाला परिसर में आकर लोगो ने अपने हाथों से गो माता को रोटी, गुड़, चोकर खिलाया।

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कार्यक्रम में काफी संख्या में बच्चो और महिलाओं ने हिस्सा लिया और गोशाला में हरे चारे के लिए दान कर रसीद प्राप्त की। गोशाला परिसर में ही गो माता के आहार की सामग्री उचित मूल्य पर उपलब्ध कराई जा रही थी। गो भक्तों के साथ करीब 20 से अधिक माहेश्वरी महिला समिति की महिला सदस्यों ने तुलादान में अपनी सहभागिता रखकर गोशाला को दान देकर रसीद कटवाई। इस अवसर पर महेश्वरी महिला समिति की अध्यक्ष विजयश्री साबू, सचिव अनीता साबू, पूजा डागा, अनीता महेश्वरी, पवन महेश्वरी, लक्ष्मी चितलांगिया, मनोहर केडिया, विक्रम खेतावत सहित कई गो भक्तों ने तुलादान कराया। तुलादान में मंत्री प्रदीप राजगडिया, उपमंत्री प्रमोद सारस्वत, सुरेश ने अपना योगदान दिया।

पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भीड़

मकर संक्रांति पर्व गुरुवार को उल्लासपूर्वक मनाया गया। श्रद्धालुओं ने नदी तट, डैम, तालाबों में आस्था की डुबकी लगाई। विशेष रूप से तिल युक्त जल से स्नान कर जरूरतमंदों को दान दक्षिणा दिया। पूजा अर्चना के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। घर में अपने इष्ट देव का पूजन किया गया। प्रसाद के रूप में नए अन्न, चिलकुट, तिल के लड्डू आदि का भोग लगाया गया। कई लोगों ने ब्राह्मणों को भोजन भी कराया। विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से कंबल, लाई, तिलकुट आदि बांटे गए। धूप खिलने के बाद बच्चों व युवाओं ने पतंगबाजी का लुत्फ उठाया। वहीं, मिथिला समाज में बड़े बुजुर्गों ने पूजा के बाद परिवार के छोटे सदस्यों को तिल और चावल खिलाकर सेवा का वचन लिया। कोरोना संक्रमण के कारण स्वर्णरेखा नदी के किनारे नहाने वालों की संख्या पिछले वर्ष से काफी कम रही। हालांकि चुटिया स्थित राम मंदिर में लोगों पारंपरिक रूप से भगवान के दर्शन के साथ दान पुण्य करते हुए दिखे। इसके अलावा पहाड़ी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर सहित अन्य मंदिरों में सुबह के समय भीड़ देखने को मिली।

श्रीगोदा महोत्सव संपन्न, बालाजी के विश्वरूप दर्शन से आरंभ हुई पूजा

मकर संक्रांति पर गुरुवार को रातू रोड स्थित बालाजी वेंकटेश मंदिर में एक मास से चल रहा श्रीगोदा महोत्सव संपन्न हुआ। महोत्सव की शुरुआत प्रात: चार बजे विष्णु रूप भगवान बालाजी के विश्वरूप दर्शन से हुई। तिरू आराधना के बाद भगवान भगवान को हल्दी, दूध, गंगाजल, चंदन आदि से महाभिषेक किया गया। वस्त्राभूषणों से अलंकृत कर बालभोग लगाया गया। इस अवसर पर पूजा अर्चना के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी। कतारबद्ध होकर अपने नाम व गोत्र के अनुरूप अर्चना कराया। पुन: संध्या 5.30 बजे श्रीगोदा-रंगनाथ का आह्वान कर आराधना की गई। वेदोच्चारण के बीच पहले रखा सूत्र बंधन कराया गया। मंगलाचार के बीच श्रीगोदा व रंगनाथ का पाणिग्रहण संस्कार कराया गया। शुभ विवाहोत्सव के बीच महोत्सव का समापन हो गया। समस्त पूजन सत्यनारायण गौतम, गोपेश आचार्य, श्रीनिवास ने संपन्न कराया। मौके पर कुणाल वर्मा, संगीत वर्मा, सतीश तुल्सयान, सुशील लोहिया, कुमुद लोहिया, रामअवतार नारसरिया, निहार, पायल, मोना चौधरी, अनूप अग्रवाल, विनय धरनीधरका, रंजन सिंह आदि उपस्थित थे।

शुरू हुई शरद ऋतु की समाप्ति:

हिन्दू शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति से शरद ऋतु का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है और बसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। इसके साथ ही दिन लंबे और रात छोटी होने लगती है।


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