मरीजों के होम आइसोलेशन में रहने पर संक्रमण बढ़ने का खतरा, नहीं हो रहा शर्तों का पालन
स्वास्थ्य सचिव ने सभी डीसी सिविल सर्जन को किया सचेत
राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार ने बिना लक्षण वाले तथा सामान्य (माइल्ड) श्रेणी के कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की छूट दी है, लेकिन इससे संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसा मरीजों और उनके परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा नहीं करने से हो रहा है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने भी इसे स्वीकार किया है। इसे लेकर उन्होंने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को सचेत किया है। इसके साथ ही उन्होंने सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करने पर ही होम आइसोलेशन की अनुमति देने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य सचिव ने जिलों में गठित सर्विलांस टीम के माध्यम से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की नियमित निगरानी कराने का भी निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य सचिव ने सभी उपायुक्तों और सिविल सर्जनों से कहा है कि कुछ स्थानों पर सामान्य तरीके से होम आइसोलेशन की सुविधा दिये जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इस मामले में जारी भी चूक होने (सभी आवश्यक शर्ते पूरी करने के मामले में) से परिवार के सदस्य व पड़ोसियों तक भी संक्रमण पहुंच सकता है। गहन शहरी क्षेत्रों में इसका खतरा और भी अधिक है।
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि होम आइसोलेशन की सुविधा देने से पहले निर्धारित शर्तों के शत-प्रतिशत अनुपालन के सभी बिंदुओं पर गौर कर हर तरह से संतुष्ट हो लें। इसके बाद ही किसी मरीज को होम आइसोलेशन की मंजूरी देने को कहा गया है।
---- इन शर्तों का अनुपालन जरूरी
- आइसोलेशन में रहने पर मरीज के अलावा उसके परिवार के अन्य सदस्यों को भी घरों से निकलने की छूट नहीं दी जाएगी। जब मरीज के साथ सभी सदस्यों की रिपोर्ट निगेटिव आएगी, तभी वे घरों से बाहर निकल पाएंगे।
- परिवार के सभी सदस्यों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लेनी होगी।
- घर में मरीज के लिए अलग से हवादार कमरा होगा, जहां अटैच बाथरूम होगा और जिसका उपयोग सिर्फ मरीज करेगा।