आइएएस जीएस प्रसाद को नहीं मिली अग्रिम जमानत
रांची : आइएएस गौरी शंकर प्रसाद को अग्रिम जमानत नहीं मिली। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष
रांची : आइएएस गौरी शंकर प्रसाद को अग्रिम जमानत नहीं मिली। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नंबर दो की अदालत ने शुक्रवार को उनकी याचिका पर फैसला सुनाया। अदालत ने याचिका खारिज कर दी। अभियोजन और बचाव पक्ष की सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने दो जून को उनकी अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा था।
एसीबी के विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने बताया कि आरोप है कि गौरी शंकर प्रसाद सहयोग समितियां झारखंड रांची के तत्कालीन निबंधक रहते हुए पद का दुरुपयोग किया। अपने अधिकार का अतिक्रमण कर गुमला, चाईबासा, धनबाद, देवघर, दुमका में केंद्रीय सहकारी बैंक के अनेक दैनिक भोगी व संविदा पर कार्य करने वाले कर्मियों की सेवा नियमित करने का आदेश दिया। उन्होंने प्रशासक (पर्षद) से न तो प्रस्ताव लिया और न ही उसका अनुमोदन प्राप्त किया। दैनिक भोगी व अनुबंध पर की गई नियुक्ति वैध प्रक्रिया के तहत की गई या नहीं इस संबंध में भी उनके द्वारा न तो कोई जानकारी ली गई और न ही इसकी जांच की गई। उन्होंने बताया कि सरकार के तत्कालीन प्रधान सचिव एसके सरकार ने वर्ष 2007 में नियुक्ति पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन गौरी शंकर प्रसाद ने समितियों की नियमावली का पालन नहीं किया, जबकि नियम के तहत किसी भी सरकारी सेवा में नियमित करने का अधिकार निबंधक सहयोग समिति को नहीं था। गौरी शंकर प्रसाद ने अपना योगदान देने के बाद ही कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया जो इनके अधिकार में नहीं था। मामले में आइएएस गौरी शंकर प्रसाद के खिलाफ 22 फरवरी 2018 को एसीबी थाना कांड संख्या 1/18 के तहत प्राथमिकी दर्ज है।