मामलों के त्वरित निष्पादन का सशक्त माध्यम है लोक अदालत
रांची : लोक अदालत और स्थायी लोक अदालत मामलों के निष्पादन में काफी सहायक साबित हो रहा है। मामलों के
रांची : लोक अदालत और स्थायी लोक अदालत मामलों के निष्पादन में काफी सहायक साबित हो रहा है। मामलों के त्वरित निष्पादन में यह सबसे सशक्त व सुविधाजनक माध्यम है। इसमें कोई बड़ा-छोटा नहीं होता और न ही किसी की जीत और हार होती है। क्योंकि यहां दोनों पक्षों की आपसी सहमति से मामलों का निष्पादन होता है। ये बातें स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष कृष्णरंजन ने कही। वे झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) की ओर से सिविल कोर्ट परिसर स्थित प्रधान न्यायायुक्त सभागार में आयोजित पांच दिवसीय पारा पैरा लीगल वोलेंटियर (पीएलवी) के प्रशिक्षण कार्यक्रम मेंगुरुवार को बोल रहे थे।
उन्होंने स्थायी लोक अदालत व लोक अदालत के महत्व और मामला निष्पादन की प्रक्रियाओं से पीएलवी को अवगत कराया। साथ ही बताया कि इसमें कौन-कौन से मामले निष्पादित किए जा सकते हैं। अधिवक्ता राकेश झा ने पारिवारिक विवाद और कुटुंब न्यायालय में दर्ज मुकदमों के बारे में बताया। पैनल अधिवक्ता नित्यानंद सिंह ने प्ली बार्गेनिंग और प्री लिटिगेशन केस के बारे में बताया। मध्यस्थ मनीषा रानी ने मध्यस्थता के माध्यम से मामलों के निष्पादन के बारे में जानकारी दी। अधिवक्ता श्यामल वरन दास ने एडॉप्शन कानून और गार्जियनशिप अधिनियम के बारे में बताया। डालसा के पैनल अधिवक्ता संजय कुमार शर्मा ने बताया कि लोगों में मानसिक रोग को लेकर जागरूकता की कमी है। इसे लोग समझ नहीं पाते है। इसका इलाज निश्शुल्क हो सकता है। मानसिक रोग कई प्रकार के होते है, जो दवा खाने से ठीक हो सकते हैं। प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को होगा।