नहीं काटना पड़ेगा कोर्ट और ट्रैफिक पुलिस का चक्कर, ई-कोर्ट सर्विस से जमा होगा जुर्माना
कॉमन इंट्रो यातायात एसपी ने कहा अब चालान जमा करने में लोगों को सुविधा होगी।
कॉमन इंट्रो
रांची में ट्रैफिक जाम की समस्या और ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को जुर्माना भरना बड़ी चुनौती बन चुकी है। हर दिन शहर के अधिकांश हिस्सों में जाम की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा ट्रैफिक चालान से जुर्माना भरने के लिए लंबी कतार में खड़े रहना पड़ता। इसबीच यातायात पुलिस इन समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इन सभी मुद्दों के समाधान और चुनौतियों के बारे में हमारे वरीय संवाददाता फहीम अख्तर ने यातायात पुलिस अधीक्षक रांची अजीत पीटर डुंगडुंग से सीधी बात की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश :- प्रश्न : यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालान कटवाने के लिए लंबी कतार लगती है। इससे लोगों को परेशानी हो रही है। इस समस्या का क्या समाधान खोजा जा रहा है?
उत्तर : हम जल्द ही ऑन लाइन चालान जमा करने की व्यवस्था लागू करने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्वीकृत मॉडल ई-कोर्ट के आधार पर दिल्ली, फरीदाबाद के बाद रांची में यह व्यवस्था लागू होगी। बस एक फाइल पर हस्ताक्षर होने का इंतजार है। इस व्यवस्था के आने के बाद कोर्ट और ट्रैफिक पुलिस का चक्कर काटना नहीं पडे़गा। ई-कोर्ट से ऑनलाइन एक्सेपटेंस और पेमेंट की व्यवस्था की जा रही है। ताकि इंटरनेट प्लैटफॉर्म पर ही पूरी व्यवस्था हो। प्रश्न : शहर में जाम की समस्या सबसे बड़ी है। सड़कों का चौड़ीकरण एक बड़ा मुद्दा है लेकिन कई बार अव्यवस्था हालात को और जटिल बनाती दिखती है। इसको किस रूप में देखते हैं?
उत्तर : निश्चित रूप से समस्या है। समाधान के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत बिना परमिट के संचालित हो रहे ई-रिक्शा और ऑटो के संचालन पर रोक लगायी गयी है। शहर में 14 पार्किंग स्थलों को अतिक्रमण से मुक्ति कराया गया है। जाम से मुक्ति करने के लिए मेन रोड में लागू होगा चेन सिस्टम
प्रश्न : समस्या के समाधान के लिए प्रयास हो रहे हैं लेकिन इससे परेशानी पूरी तरह खत्म नहीं हो रही। भविष्य में इसको लेकर और क्या नये कदम उठाए जाएंगे?
उत्तर : शहर में जाम को खत्म करने के लिए हम मेन रोड में चेन सिस्टम लागू करने वाले हैं। इसके लिए आवंटन प्राप्त हो गया है। शहर के दोनों तरफ चेन लगाया जाएगा। इसके बाद वाहन खड़े करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रश्न : यह नई व्यवस्था कब से लागू करने की योजना है ? इसमें लोगों को किस तरह फायदा मिलेगा?
उत्तर : फिलहाल सड़क के किनारे अंडरग्राउंड केबलिंग का काम चल रहा है। इसके पूरा होने का इंतजार है। हम अपने स्तर से राशि प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में इसका ट्रायल भी हो चुका है। प्रश्न : ऐसी आम धारणा है कि यातायात पुलिस केवल सामान्य लोगों पर कार्रवाई करती है। बड़े लोगों के नियम तोड़ने पर सख्त रवैया नहीं अपनाया जाता। क्या कहेंगे?
उत्तर : यह धारणा हो सकती है। हकीकत नहीं है। बड़ी गाड़ियों में सीट बेल्ट नहीं लगाने और काले शीशे में चलने वाले लोगों पर सैकड़ों की संख्या में कार्रवाई हुई है। नियम का उल्लंघन कोई भी करे, कार्रवाई होगी। प्रश्न : यातायात पुलिस के कई जवानों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। कहा जा रहा है कि नियमों का हवाला देकर कुछ ज्यादा सख्त रवैया अपनाया जा रहा है। क्या सच्चाई है ?
उत्तर : हां, यह सही है। सड़क पर खड़े होकर वर्दी की आड़ में किसी को नियम तोड़ने की छूट नहीं दी जा सकती। कुछ लोगों पर कार्रवाई हुई है। कुछ लोगों को लाइन हाजिर किया गया है। अगर रवैया नहीं बदला तो कुछ और लोग कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।
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कैसे काम करेगा ई-कोर्ट :
ई-कोर्ट सर्विस के लिए वर्चुअल कोर्ट सर्विस के नाम की वेबसाइट पर जाकर राज्य और जिला चुनना होगा। इसके बाद संबंधित चालान की डिटेल्स डालकर संबंधित ऑफेंस की एक्सेप्टेंस क्लिक करना होगा। इससे संबंधित कोर्ट को नोटिफिकेशन चला जाएगा। कोर्ट नोटिफिकेशन के आधार पर जुर्माना निर्धारित कर उसे वापस यूजर के लॉगिन पर भेजेगी। यूजर को जुर्माने की रकम दिखाने के बाद ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। इससे कहीं भटकने की नौबत नहीं आएगी।