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Corruption in Jharkhand: CM हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 3 मामलों में दिया जांच का आदेश

मुख्‍यमंत्री ने जिन तीन मामलों में जांच के आदेश दिए हैं उनमें गिरिडीह में डाकघर से 11.64 करोड़ की फर्जी निकासी दुमका में वन अधिनियम व गुमला में रिश्वत से संबंधित मामले शामिल हैं।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 07:12 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 07:44 AM (IST)
Corruption in Jharkhand: CM हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 3 मामलों में दिया जांच का आदेश
Corruption in Jharkhand: CM हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ 3 मामलों में दिया जांच का आदेश

रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ तीन अलग-अलग मामलों में जांच का आदेश दे दिया है। इनमें गिरिडीह के दो डाकघरों से 11.64 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी, दुमका में वन अधिनियम व गुमला में रिश्वत से संबंधित मामला है। गिरिडीह के डाकघर के मामले में मुख्यमंत्री ने सीबीआइ से जांच कराने के लिए स्वीकृति दी है। 

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इन मामलों में सीएम ने दिया जांच का आदेश

केस एक : गिरिडीह में 11.64 करोड़ की फर्जी निकासी

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरिडीह के प्रधान डाकघर व टाउन उप डाकघर में फर्जी निकासी मामले में सीबीआइ से जांच कराने के लिए स्वीकृति दी है। मामला 11 करोड़, 64 लाख, 38 हजार 635 रुपये की फर्जी निकासी से संबंधित है। इस मामले में गिरिडीह टाउन थाना में पहले से ही धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज है। गौरतलब है कि डाक महाध्यक्ष (सेल्स एवं व्यय विभाग) झारखंड परिमंडल, रांची ने इस मामले की  जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था।

बताया कि गिरिडीह जिले के प्रधान डाकघर से 3 अक्टूबर 2016 से 30 अगस्त 2019 के बीच 11,64,38,635 रुपये की फर्जी तरीके से निकासी की गई थी। इसके अंतर्गत गिरिडीह प्रधान डाकघर के अधीनस्थ विभिन्न डाकघरों में प्राप्त डिमांड ड्राफ्ट को सूनियोजित साजिश के तहत धोखा देकर व्यक्तिगत खातों में जमा कर दिया जाता था। इस मामले में गिरिडीह प्रधान डाकघर के सहायक डाकपाल शशिभूषण कुमार और सहायक डाकपाल मो. अलताफ की संलिप्तता सामने आने के बाद उन्हेंं निलंबित कर दिया गया था। 

केस दो : दुमका के तत्कालीन जिला न्यायाधीश के मामले की होगी जांच

मुख्यमंत्री ने दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया है। उनपर भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम - 988 की विभिन्न धाराओं के तहत दुमका नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज है। मुख्यमंत्री ने झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के आलोक में ओम प्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले के अनुसंधान के लिए एसीबी को आदेशित किया है। 

केस तीन : गुमला के सब रजिस्ट्रार पर है जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप

गुमला के सब रजिस्ट्रार राम कुमार मधेसिया के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों की जांच होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दे दिया है। मधेसिया पर गुमला के सब रजिस्ट्रार रहते हुए जमीन की खरीद-बिक्री या अन्य दस्तावेजों के निबंधन के लिए रिश्वत मांगे जाने की शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिया।


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