भ्रष्ट अफसर के खिलाफ शिकायत की तो झूठे मामले में फंसाया
हजारीबाग के एक युवक ने मुख्यमंत्री के समक्ष दावा किया कि एक डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उठाने के कारण उसे तंग किया जा रहा है।
रांची , राज्य ब्यूरो। राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार उस वक्त थोड़े असहज हो गए जब हजारीबाग के एक युवक संजय तिवारी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास के समक्ष दावा किया कि एक डीएफओ के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उठाने के कारण उसे तंग किया जा रहा है। अधिकारी उन्हें झूठे आरोपों में फंसा रहे हैं। मौका था मुख्यमंत्री जनसंवाद के सीधी बात कार्यक्रम का।
मुख्यमंत्री के समक्ष संजय तिवारी ने बेबाकी से पुख्ता दलील के साथ पूरी बातें रखी तो उन्होंने इसे पूरी संजीदगी से लिया। कड़े शब्दों में उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से किसी भी मामले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह परिपाटी बन गई है कि कुछ भी हुआ तो उसे लेकर जाच कराई जाएगी और मामले को लंबित रखा जाएगा। किसी भी स्तर का अधिकारी हो चाहे वह आइएएस हो या आइएफएस ही क्यों न हो, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। उन्होंने पीसीसीएफ को राजीव रंजन को तत्काल ट्रासफर करने का निर्देश भी दिया। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने 2013 में हजारीबाग पश्चिम वन प्रमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनात राजीव रंजन के खिलाफ जब शिकायत की तो वन विभाग ने उनके ऊपर अवैध खनन का आरोप लगा दिया। यहा तक कि पुलिस और वन विभाग की संयुक्तछापेमारी तक कराई गई।
तिवारी ने मुख्यमंत्री और सीधी बात कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों के सामने दावा किया कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सिद्ध होते हैं तो वह जेल जाने को तैयार हैं। लेकिन अधिकारियों के खिलाफ उनके द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई होनी चाहिए। तिवारी ने कहा कि उन्होंने सितंबर 2017 में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी जबकि उनके खिलाफ वन विभाग की तरफ से नवंबर 2017 में मामला दर्ज किया गया है। तिवारी ने हजारीबाग पश्चिम वन प्रमंडल में तैनात तत्कालीन डीएफओ राजीव रंजन के ऊपर अमीन के साथ मिलीभगत कर नक्शों में हेरफेर कर अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया। कहा, लगभग 172 एकड़ वन भूमि को पैसे लेकर बोकारो की इलेक्ट्रोस्टील कंपनी को ट्रासफर कर दिया गया है। यही नहीं पूर्व बर्खास्त अमीन निरीक्षक सुधीर कुमार सिन्हा द्वारा लगभग 1600 एकड़ भूमि बेचे जाने की जाच के मामले पर भी विभाग टालमटोल रवैया अपना रहा है। तिवारी ने कहा कि सिन्हा के ऊपर पाच करोड़ 57 लाख से अधिक राशि की वसूली के संबंध में मनी सूट भी दायर किया गया है लेकिन राजधानी में मुख्यालय में बैठे अधिकारी इस मामले की लीपापोती करने में लगे हैं। जनसंवाद में मौजूद प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय कुमार ने बताया कि इस मामले में विभागीय कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने सीएम को बताया कि चूंकि राजीव रंजन आइएफएस अधिकारी हैं इसलिए इस मामले में विभाग गंभीर है।
सीएम की उपायुक्तों को नसीहत, छोटे कामों के लिए करें अनटाइड फंड का प्रयोग मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि छोटे-छोटे काम नहीं होने के कारण ग्रामीण इलाकों में लोगों में सरकार के प्रति असंतोष हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छोटे-मोटे काम करने के लिए जिला प्रशासन को अनटाइड फंड दिया है जो बिना किसी विभागीय पत्राचार के उपयोग किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारियों को अगर ऐसा महसूस हो कि उनके इलाके का कोई काम तुरंत किया जाना है तो ऐसे में वे अनटाइड फंड से पैसे खर्च कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें विभागीय पत्राचार की जरूरत नहीं होगी, केवल 20 सूत्री योजना कार्यान्वयन समिति के प्रभारी मंत्री से मंजूरी लेनी होगी। सीएम ने कहा कि जिले में तैनात आइएएस अधिकारियों को अपने कॉमन सेंस का उपयोग करना होगा और प्रेजेंस ऑफ माइंड अप्लाई कर उस पैसे को खर्च करना होगा। उन्होंने कहा कि डीसी यह सुनिश्चित करें कि अनटाइड फंड बैंक में रखने के लिए नहीं दिया गया है, जन कल्याण के लिए दिया गया है। सीएम ने आदित्यपुर स्थित एक हेल्थ सेंटर के जर्जर होने की शिकायत जन संवाद में आने के दौरान यह बातें कहीं। शिकायतकर्ता हेमंत कुमार ने कहा कि वे अपनी पत्नी को लेकर इलाज कराने वहा गए थे लेकिन वहा पहले से छत से पानी रिस रहा था और साफ-सफाई की भी व्यवस्था नहीं थी। इससे पहले गिरिडीह में 8 साल पहले बने एक पुल के लगभग 610 मीटर एप्रोच सड़क निर्माण नहीं होने की वजह से समस्या की बात सामने आई। इसपर भी मुख्यमंत्री ने अनटाइड फंड इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।
बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को गंभीरता से लें : सीएम हजारीबाग में 2016 में अप्रैल और कथित रूप से दुष्कर्म की शिकार एक युवती के मामले में मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चियों से जुड़े हुए अपराध को प्राथमिकता से लिया जाए। उन्होंने जनसंवाद में मौजूद गृह सचिव एसकेजी रहाटे को निर्देश दिया कि सभी प्रमंडल के आईजी इस मामले का रिव्यू करें। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी जिलों के एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर ऐसे मामलों का ब्योरा लिया जाए। सीएम ने कहा कि अब तक इन से जुड़े मामलों में कितने मामले में सजा हुई है, इसका भी आकड़ा एकत्र किया जाए। ऐसे सभी मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के हवाले कर जल्दी निष्पादन की प्रक्रिया अपनाई जाए।
90 फीसद शिकायतों का अबतक हुआ है निपटारा जन संवाद कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने बताया कि अब तक लगभग ढाई लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं। जिनमें से 90 फीसद का निष्पादन किया जा चुका है। इस मौके पर पर साहिबगंज के तालझारी के धमधमिया गाव के लोगों से भी मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीधी बात की।