Move to Jagran APP

सही समय पर कराएं इलाज, डिप्रेशन से मिलेगा छुटकारा

तरह-तरह के तनाव से पीड़ित व्यक्ति उठा सकता है किसी भी प्रकार खतरनाक कदम।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Jul 2018 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jul 2018 02:43 PM (IST)
सही समय पर कराएं इलाज, डिप्रेशन से मिलेगा छुटकारा
सही समय पर कराएं इलाज, डिप्रेशन से मिलेगा छुटकारा

जागरण संवाददाता, रांची : हजारीबाग में माहेश्वरी परिवार द्वारा सामूहिक आत्महत्या किए जाने से पूरा समाज चिंतित है। इससे पहले दिल्ली के बुराड़ी में सामूहिक आत्महत्या से पूरा देश सदमे में था। इसके पीछे कहीं न कहीं अवसाद या डिप्रेशन बड़ा कारण बन रहा है। बीमार व्यक्ति अपने सात-साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी प्रभावित कर रहा है। शहर के मनोचिकित्सक और अन्य विशेषज्ञ अपने परिवार या किसी भी व्यक्ति के बदले हुए बात-व्यवहार पर नजर रखने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि समय पर इलाज कराने और सावधानी बरतने पर डिप्रेशन से छुटकारा मिल सकता है।

loksabha election banner

शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. पीके चौधरी ने बताया कि अगर परिवार में कोई व्यक्ति अवसाद से पीड़ित रहता है, तो उसे तत्काल मनोचिकित्सक से दिखाएं। संभव हो कि वह व्यक्ति लीक से हटकर बात करे। ऐसा व्यवहार करे, जो पहले से एकदम अलग हो। लो आइक्यू वाले व्यक्ति को डिप्रेशन में आया व्यक्ति तुरंत प्रभावित करता है। ऐसे में संबंधित परिवार का व्यक्ति अवसाद से पीड़ित व्यक्ति के कहने के अनुसार भी खुद भी कोई खतरनाक कदम उठा सकता है। इससे सामूहिक आत्महत्या जैसी घटनाएं हो रही हैं। अवसाद का कारण आर्थिक संकट, व्यक्तिगत परेशानी या और कुछ हो सकता है। उचित यही है कि समय पर व्यक्ति के रोग की पहचान कर उसे तुरंत मनोचिकित्सक को दिखाएं। अगर आपके आसपास कोई परिचित भी हों, तो उनकी तत्काल मदद करें।

क्या हैं प्रमुख लक्षण :

नींद में बदलाव : इसमें कई लोगों को काफी नींद आती है, तो कई लोगों को नींद ही नहीं आती है। कुछ लोगों को रात में आधी नींद में चलने की बीमारी रहती है।

आम दिनचर्या में बदलाव : अवसाद में दिनचर्या में भी काफी बदलाव हो जाता है। सामाजिक गतिविधि और आदतों में भी बदलाव आने लगता है।

घटता-बढ़ता है वजन : आपके वजन में बदलाव होता है। कई लोगों का वजन बढ़ जाता है तो कुछ का घट जाता है।

चिड़चिड़ापन : स्वभाव में अगर चिड़चिड़ापन रहने लगे और यह आदत बन जाती है, तो इसके लिए गंभीरता बरतनी पड़ेगी। डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति से लड़ने के बजाय उससे शाति से बात करनी चाहिए और उसे समझना चाहिए।

बेचैनी और उत्तेजना : डिप्रेशन में लोग बेचैन, उत्तेजित और हिंसक भी हो जाते हैं। सहन करने की क्षमता कम हो जाती है और बहुत जल्दी व ज्यादा गुस्सा आने लगता है।

एकाग्रता में कमी : डिप्रेशन में दिमाग में कई तरह की बातें चलती रहती हैं, जिसकी वजह से लोग काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और महत्वपूर्ण कामों से ध्यान हटने लगता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.