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Lockdown: चीन-पाक, म्यांमार-बांग्लादेश सीमा पर खुले RSS के राहत कैंप, 3 करोड़ लोगों को मदद

Coronavirus Lockdown देशभर में 46000 से अधिक स्थानों पर आरएसएस के तीन लाख से अधिक स्‍वयंसेवक सेवा कार्य में लगे हैं। 38 लाख परिवारों तक मदद पहुंचाई जा चुकी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 09:00 PM (IST)
Lockdown: चीन-पाक, म्यांमार-बांग्लादेश सीमा पर खुले RSS के राहत कैंप, 3 करोड़ लोगों को मदद
Lockdown: चीन-पाक, म्यांमार-बांग्लादेश सीमा पर खुले RSS के राहत कैंप, 3 करोड़ लोगों को मदद

रांची, [संजय कुमार]। Coronavirus Lockdown सारा देश आज वैश्विक संकट कोरोना वायरस से उत्पन्न चुनौती का सामना करने में जुटा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी समाज के साथ मिलकर अपना योगदान दे रहे हैं। पूरे देश में संघ के तीन लाख से अधिक कार्यकर्ता 3.10 करोड़ लोगों को भोजन कराने के साथ साथ 38 लाख से अधिक परिवारों में कच्चा राशन पह़ुंचाने का काम कर चुके हैं। म्यांमार व बांग्लादेश सीमा से लेकर पाकिस्तान सीमा व जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक संघ की ओर से 46000 से अधिक राहत कैंप खोले गए हैं।

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धर्म व जाति का बिना कोई भेद किए लोगों की हर तरह से मदद कर रहे हैं। हर राज्य में दूसरे राज्यों के फंसे मजदूरों के भोजन पानी का ध्यान रख रहे हैं।  26 लाख से अधिक मास्क बांटने के साथ साथ 15 लाख 60 हजार लोगों को आयुर्वेदिक काढा पिलाने का भी काम किया है। राष्ट्रीय सेवा भारती के महामंत्री श्रवण कुमार ने बातचीत में कहा कि इस राहत कार्य में पूरे देश में सेवा भारती के कार्यकर्ता भी लगे हैं। पूरे देश में जरूरत के अनुसार राहत कैंप चलता रहेगा।

दक्षिण भारत में 77000 कार्यकर्ता  हैं लगे

अब तक संकलित आंकड़ों के अनुसार दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश व कर्नाटक में लगभग 77000 कार्यकर्ता सेवा कार्य में लगे हैं। संघ द्वारा संचालित कैंपों से 33 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। केरल में सबसे ज्यादा कार्यकर्ता लगे हैं। वहां घरों में सब्जी पहुंचाने के साथ साथ बुजुर्गों का स्वयंसेवक बाल भी काट रहे हैं। जरूरत के अनुसार रक्तदान करने म़े भी पीछे नहीं हैं।

चर्च में फंसे लोगों का भी रख रहे ध्यान

संघ के स्वयंसेवक हर जरूरतमंद की मदद कर रहे. हैं। श्रवण कुमार ने कहा कि दिल्ली के जोमी चर्च में 50 परिवार के लोग फंसे हुए हैं। उनके भोजन की चिंता उस इलाके के स्वयंसेवक कर रहे हैं। पूर्वोत्तर भारत में चल रहे अधिकतर सेवा कैंपों से ईसाई परिवार को मदद की जा रही है। जम्मू कश्मीर सहित कई राज्यों के मुस्लिम परिवारों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम स्वयंसेवक कर रहे हैं।

अपने परिवार के भोजन की चिंता नहीं करते हुए दूसरों को खिला रहे खाना

स़ंघ का संस्कार ही है कि झारखंड के गोड्डा में सुबोध हरिजन नाम के ऐसे स्वंयसेवक हैं जिनके घर पर दो शाम का भोजन नहीं है और वे दूसरे को राशन पहुंचाने में रात दिन लगे हैं। अब तक पहाड़ों के ऊपर रहने वाले आदिवासी परिवारों को 2500 राशन पैकेट पहुंचा चुके हैं। इसमें उनकी मदद स्थानीय स्वयंसेवक कर रहे हैं।

संघ प्रमुख मोहन भागवत 26 अप्रैल को स्वयंसेवकों को आनलाइन करेंगे संबोधित

आरएसएस के सरसंघचालक डाक्टर मोहन भागवत 26 अप्रैल रविवार शाम पांच बजे स्वयंसेवकों को आनलाइन संबोधित करेंगे। वे वर्तमान परिदृश्य एवं हमारी भूमिका विषय पर अपनी बात रखेंगे। इसे यूट्यूब और आरएसएस के फेसबुक पर सुन सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्षप्रतिपदा के दिन भी संघ प्रमुख ने स्वयंसेवकों को संबोधित किया था।


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