Coronavirus Lockdown: अंतिम संस्कार में भी नहीं जाएंगे 20 से अधिक लोग, जांच से मना करने पर FIR
Coronavirus Lockdown राज्य सरकार ने बुधवार से अगले 21 दिनों तक तमाम सामाजिक राजनीतिक खेल शैक्षणिक सांस्कृतिक धार्मिक एवं मनोरंजन की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
रांची, आशीष झा: राज्य सरकार ने बुधवार से अगले 21 दिनों तक तमाम सामाजिक, राजनीतिक, खेल, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं मनोरंजन की गतिविधियों पर रोक लगा दी है। आपदा प्रबंधन कानून की धाराओं के तहत लगाई गई रोक के बाद मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा एवं चर्चों में लोगों के आने-जाने पर प्रतिबंध होगा। इस आदेश की अवहेलना पर आपदा प्रबंधन कानून की धारा 51 से लेकर 60 तक का इस्तेमाल जिलाधिकारी कर सकेंगे। इसके अलावा आईपीसी की धारा 188 के तहत भी कार्रवाई की जा सकेगी। अंतिम संस्कार मैं लोगों के पहुंचने पर थोड़ी सी ढील दी गई है लेकिन इसमें अधिकतम 20 लोगों की मौजूदगी सुनिश्चित करने को कहा गया है। 20 से अधिक लोगों के जुटने पर भी कार्रवाई होगी। सरकार ने 15 फरवरी के बाद झारखंड लौटे तमाम लोगों को क्वॉरेंटाइन में जाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री पूर्व में ही होम क्वॉरेंटाइन के खिलाफ निर्देश दे चुके हैं और कह चुके हैं कि संस्थागत क्वॉरेंटाइन ही प्रभावी होगा। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन अपने स्तर से 15 फरवरी के बाद विदेशों से लौटे लोगों का पता लगाएगा हालांकि यह जानकारी लोगों को खुद भी देनी है।
पूरे प्रदेश में अगले 21 दिनों के लिए लोगों के जुटान पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। इसे सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है। इसी आधार पर मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने सभी उपायुक्तों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है। लोगों द्वारा जानकारी छिपाने अथवा नियमों के उल्लंघन करने की दशा में आपदा प्रबंधन कानून की 10 धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
क्या हो सकती है कार्रवाई
सरकारी निर्देशों का अनुपालन नहीं करने अथवा विरोध करने की स्थिति में 1 साल तक जेल व जुर्माने का प्रावधान है जिसे 2 साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसी प्रकार सरकार से किसी तरह का लाभ लेने के लिए जानबूझकर झूठ बोलने की स्थिति में 2 साल की सजा का प्रावधान है। लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दी गई सामग्रियां अथवा पैसों को छुपाने की स्थिति में 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। किसी सरकारी विभाग द्वारा हुई गलती की स्थिति में विभाग के प्रमुख पर कार्रवाई होगी। अगर वह साबित कर देते हैं कि उनकी जानकारी के बगैर या प्राप्त हुआ है तो उन्हें इससे मुक्त किया जा सकेगा। कोई सरकारी कर्मी इस स्थिति में निर्देशों की अवहेलना करता है तो उसे 1 वर्ष तक की सजा हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति धारा 65 के तहत दिए गए निर्देशों के अनुपालन का विरोध करता है तो उसे 1 वर्ष तक की सजा अथवा जुर्माना देना पड़ सकता है। इसी प्रकार कोई कार्यालय अथवा कंपनी नियमों के अनुपालन में असफल रहती है तो उसके शीर्ष पदाधिकारियों ( डायरेक्टर, सचिव मैनेजर) के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।