Coronavirus Lockdown: चलाे सखी हम मास्क बनाएं... यहां गली-गली में गूंज रहा कोरोना का जंगी गीत
Coronavirus Lockdown हजारीबाग की इन दीदियों ने कोरोना से जंग की कमान थामी है दिन-रात काम में जुटी महिलाओं ने अब तक 10 हजार मास्क बना डाले।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। कोरोना के खिलाफ हर स्तर पर जंग जारी है। हजारीबाग जिले में सखी मंडल की दीदियों ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी है। यहां आधा दर्जन से अधिक सखी मंडलों की दर्जनों महिलाएं दिन-रात मास्क बनाने के काम में जुटी हैं। खास बात यह है कि इनके मास्क मानकों पर भी खरे हैं। अस्पतालों के चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी भी इनके बनाए मास्क पहन रहे हैं। मास्क के निर्माण पर हजारीबाग के उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह खुद नजर रख रहे हैं। उपायुक्त एमबीबीएस डॉक्टर भी हैं। इस कारण वह बनाए जा रहे मास्क को निर्धारित मापदंड पर कसने में उन्हें सहूलियत हो रही है।
खुद जताई थी मास्क बनाने की इच्छा
कोरोना से बचाव के लिए मास्क की बढ़ती खपत को देखते हुए हजारीबाग जिले के दारु की सखी महिला मंडल की महिलाओं ने पहले खुद पहल करते हुए उपायुक्त से मास्क बनाने की इच्छा जाहिर की थी। उपायुक्त डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने उनकी इस पहल की सराहना करते हुए उन्हें मास्क बनाने की जिम्मेवारी सौंपी। जिम्मेवारी मिलने के बाद दीदियों ने आगे बढ़ कर काम किया। आठ दिनों में महिला ग्रुप के द्वारा अब तक 10 हजार से अधिक मास्क बनाए जा चुके हैं। स्थिति यह है कि हर दिन उन्हें इतने आॅर्डर मिल रहे हैं कि वह आसानी से इस मांग को पूरा नही कर पा रहीं। बिहार से भी लगातार उन्हें मास्क बनाने के ऑर्डर प्राप्त हो रहे हैं, लेकिन वे शहर में बढ़ते डिमांड की वजह से बिहार का ऑर्डर नहीं ले पा रही हैं।
तीन लेयर का है मास्क, धोकर दोबारा हो सकता है इस्तेमाल
महिला समूहों द्वारा तैयार मास्क को धोकर दोबारा भी उपयोग भी किया जा सकता है। कपड़े से निर्मित इस मास्क को बाजार में उपलब्ध कराने से पहले पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाता है। बताते हैं कि चिकित्सक जैसे मास्क आॅपरेशन थियेटर में इस्तेमाल करते हैं। वैसे ही मास्क सखी मंडल की दीदियां तैयार कर रही हैं। यह मास्क सिंगल लेयर से लेकर ट्रिपल लेयर तक का है। मास्क बनाने में कपड़े का इस्तेमाल हो रहा है। झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसायटी ने इन महिलाओं को मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया है। महिला समूहों के द्वारा तैयार मास्क हजारीबाग उपायुक्त कार्यालय में विधवा महिलाओं द्वारा चलाई जा रही दीदी कैफे के माध्यम से सिर्फ 20 रुपये में आम लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
इन सखी मंडलों की महिलाएं जुटी हैं काम में
मास्क निर्माण में दारु की ज्योति सखी मंडल, मां वैष्णो सखी मंडल, संतोषी महिला समूह, प्रिया महिला समूह, रानी सखी मंडल, हीरा महिला मंडल, सरस्वती महिला मंडल समेत अन्य महिला समूहों की दीदियों जुटी हैं। इसमें 200 से भी अधिक महिलाएं लगी हैं। मास्क के लिए कपड़ो का इंतजाम भी जिला प्रशासन के माध्यम से किया जा रहा है।
सखी मंडल की दीदियो के द्वारा बनाए गए मास्क कोरोना संक्रमण से बचाव में पूरी तरह कारगर हैं। निर्माण के दौरान मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मास्क तीन लेयर में बना है और पूरी तरह सैनिटाइज करने के बाद ही इसे उपलब्ध कराया जा रहा है। सखी मंडल को दूसरे राज्यों से भी मास्क बनाने के आॅर्डर मिल रहे हैं। डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह, उपायुक्त हजारीबाग
राज्य की दस जेलों में बन रहे हैं मास्क, तीन जेलों में बनेंगे सैनिटाइजर
कोरोना वायरस को हराने के लिए झारखंड की जेलों में बंद कैदी बाहर की जिंदगी की फिक्र में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। यहां की 10 जेलों में मास्क तैयार हो रहा है। जबकि, तीन जेलों में सैनिटाइजर का निर्माण होने वाला है। पिछले चार दिनों में 10 हजार मास्क इन जेलों से सप्लाई किए जा चुके हैं। यह आपूर्ति रिम्स व पुलिस को की गई है।
यहां बन रहे मास्क
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग, केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर, केंद्रीय कारा मेदिनीनगर पलामू, केंद्रीय कारा दुमका, केंद्रीय कारा देवघर, केंद्रीय कारा गिरिडीह, मंडल कारा गुमला, मंडल कारा सिमडेगा व मंडल कारा खूंटी।
यहां सैनिटाइजर बनाने की है तैयारी
बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर व जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग।