Jharkhand Corona News: झारखंड में बढ़ रहे कोरोना मरीज, लेकिन पसर नहीं रहा संक्रमण; जानें विस्तार से
Jharkhand Coronavirus News बाहर से लौटे प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन किए जाने के कारण मरीजों का संक्रमण गांवों तक नहीं पहुंचा। अलग से कंटेनमेंट जोन नहीं बनाने पड़े।
रांची, [आरपीएन मिश्र]। झारखंड में कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच एक अच्छी खबर यह है कि इसका संक्रमण फैल नहीं रहा है। यह स्थिति इस कारण बनी है, क्योंकि बाहर से लौटे जिन प्रवासियों की वजह से कोरोना संक्रमण के मामलों ने अचानक रफ्तार पकड़ ली है, वे सब संस्थागत क्वारंटाइन में हैैं। उन्हें घर पहुंचने से पहले ही कोरोना संदिग्ध मानकर संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया गया था और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद क्वारंटाइन सेंटर से सीधे इन्हें इलाज के लिए कोविड अस्पतालों में भेजा जा रहा है।
ऐसे में इनसे किसी अन्य व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका नहीं रह गई है। जल्द ही ये अस्पताल से स्वस्थ होने के बाद अपने घर जाएंगे। दूसरी ओर राज्य में कोरोना के मरीज तेजी से स्वस्थ भी हो रहे हैैं। उम्मीद जताई जा सकती है कि जल्द ही मरीजों की संख्या में कमी आने का भी सिलसिला शुरू होगा। अभी राज्य के 1555 मरीजों में 1304 प्रवासी मजदूर ही हैैं।
गौर करने लायक बात यह भी है कि अब दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों के लौटने की रफ्तार भी काफी कम हो गई है। अभी जिन प्रवासियों की कोरोना जांच रिपोर्ट सामने आ रही है, उनमें ज्यादातर के नमूने दो-चार दिन पहले लिए गए हैैं। अगर सबकुछ इसी हिसाब से चलता रहा तो सैैंपलों की जांच का बैकलॉग खत्म होने के बाद नए मरीज मिलने का सिलसिला भी थम सकता है।
राहत की बात
- झारखंड पहुंचने के बाद पॉजिटिव पाए गए प्रवासियों की नहीं बन पाई कोई कांटेक्ट हिस्ट्री, प्रशासन को भी मिली राहत
- राज्य में तेजी से स्वस्थ हो रहे कोरोना के मरीज, नए मरीजों के स्वस्थ होते ही थमने लगेगा संक्रमण
- कम हुआ प्रवासियों के आने का सिलसिला, जल्द ही मरीजों की संख्या में आ सकती है कमी
- सिमडेगा जैसे मरीजों की बड़ी संख्या वाले कई जिले ऐसे, जहां एक भी कंटनमेंट जोन नहीं
- 15 दिनों में राज्य में 45 कंटनमेंट जोन घटे, 40 नए जोन बने
- 13 जिले ऐसे, जहां मरीज होने के बावजूद एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं
- 1555 मरीजों में 1304 हैैं दूसरे राज्यों से आए प्रवासी (87 प्रतिशत )
- 592 मरीज अबतक हो चुके हैैं स्वस्थ, कुल मरीजों का 38 प्रतिशत है यह आंकड़ा
- 8 लोगों की राज्य में हुई है कोरोना से मौत, कुल मरीजों का 0.5 प्रतिशत है यह आंकड़ा
13 जिलों में एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं
कोरोना की चेन तोडऩे और संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए जिन-जिन इलाकों में मरीज मिलते हैैं, उन इलाकों को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए सील कर दिया जाता है, ताकि उस इलाके के लोगों, मरीजों के परिजनों और अन्य संदिग्धों की जांच कराई जाए और शहर या गांव के बाकी हिस्सों से संक्रमित इलाकों के लोगों का संपर्क न हो। मरीजों के स्वस्थ होने के बाद इलाके को कंटेनमेंट-फ्री घोषित कर दिया जाता है।
पिछले एक महीने में झारखंड में जहां मरीजों की संख्या कई गुणा बढ़ी, वहीं मरीजों के स्वस्थ होने की तेज दर के कारण कंटेनमेंट जोन की संख्या लगातार घटती रही। उधर, प्रवासियों के क्वारंटाइन में रहने के कारण उनके संक्रमित मिलने के बाद भी नए कंटेनमेेंट जोन नहीं बने। 10 दिन पहले तक जहां झारखंड में 136 कंटेनमेंट जोन थे, वहीं अब इनकी संख्या घटकर 91 हो गई है।
एक ओर जहां 45 कंटेनमेंट जोन घटे, वहीं नए मरीजों के कारण 40 नए जोन बने। राज्य में अब भी 13 जिले ऐसे हैैं, जहां एक भी कंटेनमेंट जोन नहीं है। इन जिलों में सिमडेगा जैसा सर्वाधिक मरीजों वाले जिले भी शामिल हैैं। इन जिलों के सभी मरीज क्वारंटाइन सेंटरों से सीधे कोविड अस्पताल पहुंचे और झारखंड पहुंचने के बाद इनकी कोई कांटेक्ट हिस्ट्री नहीं है। इससे प्रशासन की भी परेशानी काफी हद तक कम हुई है।
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