Coronavirus Update: झारखंड में 15000 लोग बिना आइसोलेशन, कोविड अस्पताल गए कोरोना से मुक्त; जानिए कैसे?
Jharkhand Coronavirus Cases News Update भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सेरो सर्वे 15140 लोगों के जांच से पहले ही कोरोना संक्रमण से मुक्त होने की पुष्टि हुई है।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। Coronavirus in Jharkhand राज्य के दो जिले सिमडेगा तथा पाकुड़ में 15,140 लोग जांच से पहले ही कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गए। पता ही नहीं चला कि उन्हें कोरोना भी हुआ था। उनके शरीर ने कोरोना वायरस से लड़कर अपने अंदर वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बना ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा कराए गए सेरो सर्वे में इसकी पुष्टि हुई है। राज्य में कोरोना का ट्रेंड कैसा है और समुदाय में इसका संक्रमण है या नहीं, इसकी जांच के लिए आइसीएमआर ने राज्य के तीन जिलों पाकुड़, सिमडेगा तथा लातेहार में यह सर्वे कराया था।
आइसीएमआर की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि पाकुड़ में लिए गए सैंपल में 1.25 फीसद तथा सिमडेगा में एक फीसद में एंटीबॉडी बना था। लातेहार में किसी भी व्यक्ति में एंटीबॉडी की पहचान नहीं हुई। पाकुड़ की आबादी लगभग 10.30 लाख है, इसलिए सैंपल के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि वहां 8,240 लोगों को कोरोना हुआ होगा, लेकिन उन्हें पता नहीं चला। इसी तरह, सिमडेगा की आबादी लगभग 6.90 लाख है। यहां अनुमान लगाया जा रहा है कि 6,900 लोगों में कोरोना हुआ होगा, लेकिन उन्हें पता नहीं चला। इनके शरीर में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन गया।
झारखंड के सिमडेगा, पाकुड़ में 15 हजार लोग कोरोना जांच से पहले ही हो गए ठीक
- शरीर में बन गया कोरोना का एंटीबॉडी, सेरो सर्वे में हुआ खुलासा
- कोरोना संक्रमण का पता नहीं चला
- सैंपल जांच में एक व सवा फीसद में एंटीबॉडी की हुई पुष्टि
- आइसीएमआर ने राज्य के तीन जिलों में कराया था सेरो सर्वे
प्रत्येक जिले में चार-चार सौ लोगों का लिया गया था सैंपल
सेरो सर्वे के तहत प्रत्येक जिलों के दस-दस क्लस्टरों में 400 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए चेन्नई भेजे गए थे। इसमें ब्लड सैंपल की एंटीबॉडी जांच हुई। बता दें कि आइसीएमआर ने कम्युनिटी आधारित सर्वे के लिए देश भर में कुल 69 जिलों का चयन किया था, जिनमें झारखंड के ये तीन जिले शामिल थे। इन जिलों का चयन रैंडमली किया गया था।
10 अन्य जिलों में भी सर्वे
राज्य सरकार ने दो जिलों के लोगों में एंटीबॉडी मिलने के बाद राज्य के सभी जिलों में सेरो सर्वे कराने की अनुशंसा केंद्र को भेजी थी। आइसीएमआर ने इसके लिए दस अन्य जिलों का चयन किया है। ये जिले कौन-कौन से हैं, वह स्पष्ट नहीं हो सका है।
अन्य जिलों में भी संक्रमितों में एंटीबॉडी बनने की संभावना
राज्य के अन्य जिलों में भी वैसे लोगों में एंटीबॉडी बनने की संभावना है, जिनकी जांच ही नहीं हुई और वे ठीक हो गए। इसी संभावना को देखते हुए राज्य सरकार सभी जिलों में यह सर्वे कराना चाहती है।
क्या है एंटीबॉडी
जब कोई वायरस या बैक्टीरिया हमारे शरीर में आता है, तो वह शरीर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। उस दौरान हमारे शरीर के अंदर कुछ प्रोटीन बनते हैं। यही प्रोटीन वायरस और बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने के लिए लड़ते हैं। इसी प्रोटीन को एंटीबॉडी कहा जाता है।
दो जिलों में एंटीबॉडी बनने की पुष्टि आइसीएमआर की रिपोर्ट में हुई है। पाकुड़ में 1.25 फीसद तथा सिमडेगा में एक फीसद में यह एंटीबॉडी बना। आइसीएमआर ने राज्य के दस अन्य जिलों में भी यह कम्युनिटी सर्वे कराने का निर्णय लिया है। डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग।