Coronavirus: झारखंड में 'महामारी कानून' लागू, कोरोना संक्रमण छुपाया तो जाएंगे जेल
Coronavirus सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए फौरी तौर पर 200 करोड़ रुपये फंड का प्रबंध किया है। 300 मेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया गया है।
रांची, जेएनएन। Coronavirus in Jharkhand झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए सरकार 200 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराएगी। कोरोना वायरस को अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है। इसके मरीज मिलने पर सरकार को जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड अभी तक कोरोना से सुरक्षित है। कोरोना के लक्षण देखे जाने के बाद अब तक 22 लोगों की जांच हुई। इनमें 21 संदिग्धों की रिपोर्ट निगेटिव मिली है। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग की अपील की। सीएम हेमंत ने सोमवार को सरकार के उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए स्कूल, कॉलेज, जिम, पार्क, सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स को 14 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। जिला और प्रखंड मुख्यालय में होने वाले सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
सरकार के फौरी फैसलों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि आसपास के राज्य में कोरोना वायरस फैल रहा है। इसको लेकर आज राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इसके उपरांत कई निर्णय लिए हैं। स्कूल, कॉलेजों को बंद करते हुए, जिन जगहों पर अधिक से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं उसको 14 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया गया है। बड़े निजी प्रतिष्ठान, प्राइवेट संस्थानों को बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस दौरान कार्यरत कर्मचारी अपने घर पर रहेंगे, लेकिन उनको मानदेय, तनख्वाह पूर्व की तरह मिलता रहेगा। इन्हें नौकरी खाेने का डर नहीं होगा। संस्थान अपने कर्मियों की सैलरी का भुगतान करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोराेना वायरस की महामारी के इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर के साथ ही रांची के रिम्स में लैब बनेगा। राज्य के पांचों प्रमंडल में इसकी जांच के लिए लैब बनेंगे। देश के विभिन्न राज्यों में काम करने वाले झारखंड के कामगारों की जांच कराएंगे। इपिडेमिक एक्ट के तहत सरकार ने जिले के सभी आयुक्तों को ये अधिकार दिया है कि आप हरसंभव तैयार रहें। अपनी शक्तियों का उपयोग करें। जाने-अनजाने फैलने वाली बीमारियाें पर कड़ाई से लगाम लगाएं।
सीएम ने कहा कि जिम, इको पार्क, स्विमिंग पूल, क्लब, जू आदि को बंद करने का फैसला किया गया है। इस बीमारी के लिए अलग से 300 पारा मेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया गया है। इससे जुड़े संसाधन जल्द ही जिलों में उपलब्ध करा दिए जाएंगे। सरकार ने तात्कालिक तौर पर 200 करोड़ रुपये फंड का प्रबंध सरकार ने किया है। सीएम ने कहा कि प्रत्येक जिले में कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए अलग से ओपीडी चलेगा।
बाबूलाल ने कोरोना पर सरकार को घेरा, हेमंत बोले-गंभीर सवाल को मजाक बनाया
कोरोना महामारी पर सोमवार को राज्य विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच हल्की नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान विरंची नारायण ने यह मामला उठाया। उन्होंने सवाल पूछने के लिए आसन की ओर से मिला समय बाबूलाल मरांडी को देने का आग्रह किया। इसके बाद बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरा तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पलटवार किया। बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि कोरोना से बचाव को लेकर सरकार की तैयारी नहीं दिख रही है। स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने एक पत्र मुख्यमंत्री को लिखा है। वे गंभीर हैैं, लेकिन उनका पत्र लिखकर मुख्यमंत्री को बताना यह साबित करता है कि सरकार में आपसी समन्वय नहीं है। संवादहीनता दिख रही है। सीएम इस बारे में गाइडलाइन जारी करें।
महामारी पर विधानसभा में उठे सवाल, सदस्यों ने दिया कार्यस्थगन
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बीमारी लगातार बढ़ रही है। दुनिया भर के 50 देशों में कोरोना फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। विकसित देशों में भयावह स्थिति है। किसी के मरने का इंतजार न करें। सरकार को तत्काल सावधानी बरतनी चाहिए। बाबूलाल मरांडी के तंज पर स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने व्यवस्था का सवाल उठाते हुए बोलना चाहा तो प्रदीप यादव ने कहा कि मंत्री व्यवस्था पर सवाल नहीं उठा सकते। बाबूलाल मरांडी को निशाने पर लेते हुए प्रदीप यादव ने प्रश्न उठाया कि अगर मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान एक सदस्य आधा घंटा बोलेंगे तो और कहां जाएंगे? इसपर भाजपा के विधायक सत्तापक्ष को इंगित करते हुए जोर-जोर से बोलने लगे।
सीएम बोले, पहले सवाल पर ही राजनीति, हम भी चिंतित हैैं
सदस्यों के शोर-शराबे के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल माइक संभाली। कहा, पहले सवाल पर ही राजनीति हो रही है। गंभीर सवाल को मजाक बनाया गया। यह सही है कि विदेश से चलकर आई यह बीमारी पूरी दुनिया में फैल रही है। विपक्षी सदस्यों ने इसे राजनीतिक रंग दिया। इन्हें सिर्फ खामियां दिख रही हैं और आगे भी इन्हें सिर्फ यही दिखेगी। हम समस्याओं का समाधान करेंगे। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम चल रहा है। हमने गोष्ठियां रोकी हैं। लगातार इसपर नजर है। विदेश गए लोग जो वापस आ रहे हैैं, उनको ट्रैक कर रहे हैैं। अबतक 150 लोगों को ट्रैक किया गया है। हमारी भी चिंता है। स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता के पत्र पर कहा कि वे पत्र लिखें या आकर संवाद करें। मुझे नहीं लगता कि यह चर्चा को विषय है। हम गंभीर हैैं। सरकार प्रशासनिक कार्रवाई करेगी। इससे पूर्व कोरोना पर चर्चा के लिए अनंत ओझा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश किया तो स्पीकर ने इससे इन्कार कर दिया।