Jharkhand: सोते रहे रिम्सकर्मी, दर्द से तड़पती कोरोना संक्रमित महिला की मौत
रिम्स प्रबंधन की एक और लापरवाही सामने आयी है। दर्द से कराहती हुई कोरोना पॉजिटिव महिला की रिम्स में इलाज के आभाव में मौत हो गई। महिला रात भर वार्ड में पानी मांगते रही लेकिन उसे पानी भी नसीब नहीं हुआ। सुबह करीब 5 बजे उसकी मौत हो गई।
रांची (जागरण संवाददाता) । रिम्स प्रबंधन की एक और लापरवाही सामने आयी है। दर्द से कराहती हुई कोरोना पॉजिटिव महिला की रिम्स में इलाज के आभाव में मौत हो गई। महिला रात भर वार्ड में पानी मांगते रही लेकिन उसे पानी भी नसीब नहीं हुआ। सुबह करीब 5 बजे उसकी मौत हो गई। दरअसल, पिठौरिया के हेसलपेडा की रहने वाली एक कोरोना पीड़ित महिला की मौत रिम्स के मेडिसिन डी1 वार्ड में बनाए गए कोविड वार्ड में हो गई। मौत के बाद उसके पति सूरज सांसी (बदला हुआ नाम) ने बताया कि मरीज को पानी प्यास लगी थी। लेकिन वार्ड में कोई पानी तक देने वाला नहीं था। फोन पर सुबह जब उसकी पत्नी से बात हुई तो उसने पानी मांगा।
जब सूरज पानी लेकर वार्ड में गया तब वार्ड में ताला बंद था। वह पत्नी को पानी नहीं पीला सका। वार्ड के अन्य मरीजों ने बताया कि सुबह करीब 5:30 बजे उसकी मौत हो गई। जबकि मौत के 10 घंटे के बाद उसका शव वार्ड से हटाया गया। पेट में रहता था दर्द, सर्जरी वार्ड में इलाज के दौरान 4 अक्टूबर को रिपोर्ट आयी पॉजिटिवमृत महिला के पति ने बताया कि उसके पेट में अक्सर दर्द रहता था। 2 अक्टूबर को उसे सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया था। मरीज का सिटी स्कैन होना था। लेकिन इससे पहले ही 4 अक्टूबर को उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
जिसके बाद 7 अक्टूबर को उसे कोविड वार्ड रात के करीब 12 बजे भर्ती किया गया था। उसने बताया कि महिला ने फोन कर उससे पानी मांगा था। बोली प्यास लगी है, जल्दी पानी दो। ताला बंद रहने के कारण वह पानी नहीं दे सका। थोड़ी देर बाद उसकी मौत की खबर मिली। उसने प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जब मरीज की स्थिति गंभीर थी तो उसे आईसीयू की जगह सामान्य वार्ड में क्यूं छोड़ दिया गया। रात भर वह दर्द से कराहते रही लेकिन कोई चिकित्सक देखने तक नहीं आया। वार्ड के अन्य मरीजों ने बताया कि वार्ड में केवल एक नर्स थी जो सो रही थी। उसके अलावा और कोई कर्मी नहीं था।