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Corona in Ranchi: खतरनाक तरीके से फैल सकता है कोरोना का नया वैरिएंट एक्सबीबी 1.16, रांची में नहीं हो रही जांच

Corona in Jharkhand रांची में कोरोना के नए वैरिएंट के टेस्टिंग और ट्रैकिंग सिस्टम पर काम नहीं हो रहा है। इधर कोरोना वैक्सीन के सभी डोज समाप्त हो चुके हैं जिसने चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल रिम्स में शनिवार को 20 डोज की व्यवस्था की गई है।

By Anuj tiwariEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 25 Mar 2023 08:09 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2023 08:09 AM (IST)
Corona in Ranchi: खतरनाक तरीके से फैल सकता है कोरोना का नया वैरिएंट एक्सबीबी 1.16, रांची में नहीं हो रही जांच
रांची में कोरोना का नया वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 की नहीं हो रही जांच

जागरण संवाददाता, रांची। कोरोना के नए वैरिएंट एक्सबीबी 1.16 को लेकर राज्य सरकार भले ही सावधानी बरतने के निर्देश दे रही है, लेकिन अभी तक कोई खास तैयारी नहीं दिख रही है। दूसरे राज्यों में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है। राजधानी में कहीं भी टेस्टिंग और ट्रैकिंग सिस्टम पर काम नहीं हो रहा है।

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रिम्स में आरटीपीसीआर कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा जाता है, यहां जांच किट पड़ी है लेकिन कोई सैंपल है ही नहीं। अभी हाल में ही दो लोग पॉजिटिव पाए गए थे लेकिन इन दोनों का जिनोम सिक्वेंसिंग हुआ ही नहीं, जबकि इसके लिए मशीन की खरीदारी तक हो चुकी है।

अब स्थिति यह है कि जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन में एक बार में 90 सैंपल का ही टेस्ट हो सकता है, लेकिन इतने पाजिटिव सैंपल हैं ही नहीं, जिस कारण वैरिएंट का पता नहीं चल रहा है।

इधर, कोरोना वैक्सीन के सभी डोज समाप्त हो चुके हैं, जो चिंतनीय है। रिम्स में शनिवार को 20 डोज की व्यवस्था की गई है। रिम्स माइक्रोबायलाजी विभाग के एचओडी डॉ. अशोक कुमार शर्मा बताते हैं कि नए वैरिएंट से अधिक डरने की जरूरत नहीं है। यह वैरिएंट अक्टूबर-नवंबर में ही भारत में आ चुका है, जिसके बाद लोगों में हार्ड इम्युनिटी डेवलप हो गई है।

वहीं, कोविड वैक्सीन ने भी इम्युनिटी बूस्टर का काम किया है। इस बीच लोगों को कई लोग इस वैरिएंट की चपेट में आए होंगे लेकिन धीरे-धीरे उनके अंदर हार्ड इम्युनिटी डेवलप होती चली गई है। हालांकि, कोरोना जैसे कोई भी लक्षण दिखायी दे तो डॉक्टर को दिखा जांच जरूर कराएं।

कहीं भी कोविड जांच नहीं

कुछ दिनों से संक्रमित मिलने शुरू हुए हैं। इस बीच हांगकांग फ्लू (एच3एन2) के भी संक्रमित मिले, लेकिन इसके बाद भी जांच में गति नहीं आयी। स्थिति यह है कि कहीं भी जांच की व्यवस्था नहीं की गई है। निजी लैब में व्यवस्था है, लेकिन वहां 500 रु. तक खर्च आता है।

नए वैरिएंट को लेकर तय नहीं है इलाज की व्यवस्था

नए वैरिएंट भले ही अभी झारखंड में नहीं दिख रहा हो, लेकिन इसके इलाज के तरीकों पर भी सवाल उठ रहा है। अभी तक इस संक्रमण का इलाज किस तरह से होगा, इसकी कोई ठोस जानकारी तक नहीं है।

डॉक्टरों के अनुसार मरीज के लक्षण देखकर इलाज करने की व्यवस्था है। मरीज में जो लक्षण होगा, उसी के हिसाब से उनका इलाज किया जाएगा।

सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है एक्सबीबी 1.16

डॉ. अशोक शर्मा बताते हैं कि एक्सबीबी 1.16 वैरिएंट ओमिक्रोन का सब वैरिएंट है, जो अभी तक खतरनाक नहीं दिख रहा है लेकिन यह सबसे तेजी से फैलने वाला कोविड सबटाइप है। यह बहुत ही खतरनाक दर से बढ़ सकता है, फैल सकता है। हालांकि, इस वायरस की चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा अभी तक सामने नहीं आए हैं।

क्या हैं इसके लक्षण

इसके लक्षण भी कोरोना के जैसे ही हैं, लेकिन इसमें शुरुआती दौर में ही समस्या थोड़ी अधिक दिखती है। इसके लक्षणों में बुखार, गले में खराश, सर्दी, सिरदर्द, शरीर में दर्द और थकान शामिल हैं। यह पाचन तंत्र और श्वांस प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से सांस लेने की समस्या बढ़ सकती है।

क्या हैं बचाव के उपाय

इस नए कोरोना के वैरिएंट से बचने के लिए वहीं उपाय हैं, जो कोरोना संक्रमण से बचने के लिए गाइडलाइन बना गए थे। कोरोना गाइडलाइन का ही पालन कर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। साथ ही अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार लें और गर्म पेय पदार्थ का नियमित रूप से सेवन करें।


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