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Corona Fighters: मैंने जीत लिया कोरोना, अब प्लाज्मा डोनेट करूंगा

Ranchi COVID Jharkhand News रांची के बसंत विहार में रहने वाले राकेश कहते हैं मुझे 30 मार्च को काेरोना के कुछ लक्षण दिखा तो घर में ही आइसोलेट हो गया। इसके बाद 3 अप्रैल 14 अप्रैल व 23 अप्रैल को टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आता रहा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 01:59 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 02:22 PM (IST)
Corona Fighters: मैंने जीत लिया कोरोना, अब प्लाज्मा डोनेट करूंगा
Ranchi COVID Jharkhand News रांची के बसंत विहार में रहने वाले राकेश।

रांची, जासं। मैंने एक समय अंतराल पर तीन बार कोरोना टेस्ट कराया और तीनों बार पाॅजिटिव आया। लेकिन मैं डरा कभी नहीं, ईश्वर पर विश्वास था कि मैं ठीक हो जाऊंगा। चौथी बार रिपोर्ट निगेटिव आ गया। अब मैं पूरी तरह ठीक हूं। कुछ दिन आराम करने के बाद काम करना शुरू कर दूंगा। एक महीने बाद प्लाज्मा जरूर डोनेट करूंगा। साथ ही कुछ दोस्त भी जो पाॅजिटिव से निगेटिव हुए हैं, प्लाजमा डोनेट के लिए तैयार हैं।

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मेरी तो जिंदगी बच गई, अब किसी और की बच जाए, यही कोशिश है। यह कहना है एस्टरकेन फार्मा के रिजनल मैनेजर राजेश कुमार सिन्हा का। रांची के बसंत विहार में रहने वाले राकेश कहते हैं, मुझे 30 मार्च को काेरोना के कुछ लक्षण दिखे तो घर में ही आइसोलेट हो गया। इसके बाद 3 अप्रैल, 14 अप्रैल व 23 अप्रैल को टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आता रहा।

थोड़ी घबराहट हुई तो ऑक्सीजन लेवल देखा कि 94 है। खुद ठीक महसूस कर रहा था। कभी-कभी डेड कोविड भी डिटेक्ट हो जाता है। मुझे विश्वास था कि रिकवर हो जाऊंगा। फिर 26 अप्रैल को टेस्ट कराया तो निगेटिव आया। लेकिन निगेटिव इसलिए आया, क्योंकि मैं पॉजिटिव रहा।

जब तनाव हुआ तभी ऑक्सीजन लेवल गिरा

राजेश सिन्हा कहते हैं कि आपके डरने से भी क्या होगा। जो ईश्वर चाहेंगे, वही होगा। मैंने देखा कि जब मुझे तनाव हुआ, तभी ऑक्‍सीजन लेवल गिरा। कहा, ऑक्सीजन लेवल 90 आया तो मैंने थेरेपी लेनी शुरू कर दी। तकिया लगाकर पेट के बल लेटकर सांस लेने से ऑक्सीजन लेवल 94-95 पर आ जाता था। ऑक्सीजन लेवल ठीक रखने में यह बहुत कारगर रहा। वे कहते हैं कि फार्मा सेक्टर में रहने के कारण मालूम था कि कौन-कौन सी दवाई लेनी है। डाॅक्टर से भी संपर्क किया। मेरे गांव में कई लोग संक्रमित हुए तो फोन कर उन्हें भी दवाई लेने को कहा और हौसला बढ़ाया कि सब ठीक हाे जाएगा।

सैनिटाइजर का करता रहा प्रयोग तो घर में कोई संक्रमित नहीं हुआ

राजेश कहते हैं कि चार-पांच दोस्त पॉजिटिव हो गए थे। सभी एक-दूसरे से फोन पर बात करते थे। फोन पर ही गाना भी गा लेते थे। खुश रहने का सबसे बड़ा फायदा है कि ऑक्सीजन लेवल नहीं गिरेगा और जल्द ठीक होंगे। खाने-पीने में कमी नहीं की। रोटी ठीक नहीं लगा तो दलिया में नींबू डालकर लेना शुरू कर दिया। मूंग, चना, अंजीर लेता था। भूख भी लगने लगी। उन्होंने कहा कि 24 दिनों में करीब 10 लीटर सैनिटाइजर का उपयोग कर लिया। कारण, घर में कॉमन बाथरूम था। मैं कुछ भी छूता था तो सैनिटाइज जरूर करता था। सावधानी बरतने का फायदा हुआ कि घर में पत्नी व बच्चे सुरक्षित रहे।


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