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आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना का संकट, सीटू ने की तुरंत बंद करने की मांग

Koderma News झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी संघ (सीटू) ने एक बैठक कर बिना देर किए आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की मांग की है। ब्लॉक परिसर स्थित पार्क में उर्मिला देवी की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें चार माह से बकाया पोषाहार राशि और सेविका सहायिका

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sat, 01 Jan 2022 05:32 PM (IST)Updated: Sat, 01 Jan 2022 05:32 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना का संकट, सीटू ने की तुरंत बंद करने की मांग
आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना का संकट, सीटू ने की तुरंत बंद करने की मांग

कोडरमा, जागरण संवाददाता। जिस तरह से कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोेतरी हो रही है, उसने आम जनता को तो परेशान कर ही दिया है, लेकिन अब इसका असर आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी दिखने लगा है। यही वजह है कि अब आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद करने की मांग उठने लगी है.

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आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की मांग

झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी संघ (सीटू) ने एक बैठक कर बिना देर किए आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद करने की मांग की है। ब्लॉक परिसर स्थित पार्क में उर्मिला देवी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें चार माह से बकाया पोषाहार राशि और सेविका सहायिका का तीन माह से बकाया मानदेय, बिना मोबाइल व डेटा रिचार्ज के पोषण ट्रैकर एप पर काम बंद करने, हेमंत सरकार द्वारा 10 हजार रुपये मानदेय चालू करने का वादा पूरा करने सहित कई मांगों पर चर्चा हुई।

2जी के फोन से काम करना मुश्किल

इन मांगों को लेकर 5 जनवरी को उपायुक्त के समक्ष सेविका शायिकाओं ने प्रदर्शन का निर्णय लिया। सीटू के राज्य कमेटी सदस्य संजय पासवान ने कहा कि समाज कल्याण विभाग आंगनबाड़ी सेविकाओं को सभी तरह के डेटा पोषण ट्रैकर एप पर लोड करने का दबाव बना रहा है। वहीं उन्हें पांच साल पहले निम्न दर्जे का टू-जी मोबाइल फोन दिया गया था, जो खराब हो चुका है। इसका सिम कार्ड विभाग द्वारा रिचार्ज नहीं किया जा रहा है। ऐसे में एप पर डेटा लोड करने का दबाव बनाया नहीं जा सकता है।

23-24 फरवरी को होगा देशव्यापी हड़ताल

आंगनबाड़ी का निजीकरण करने की साजिश की जा रही है। इसके खिलाफ 23-24 फरवरी को देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी ने कहा कि कोरोना काल में दो साल के दौरान आंगनबाड़ी केंद्र के लाभुक वर्ग, गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और तीन से छह वर्ष के बच्चों को जेएसएलपीएस द्वारा मिलने वाला पोषाहार टेक होम राशन (टीएचआर) कई माह से नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण कुपोषण बढ़ रहा है।

कम राशन मिलने का आरोप

जिला सचिव वर्षा रानी ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को प्रतिदन खिचड़ी के लिए एफसीआइ से मिलने वाला चावल भी नियमित रूप से नहीं मिलता है और गोदाम से वजन भी कम दिया जा रहा है। इसलिए चावल जन वितरण प्रणाली की दुकानों से दिया जाए। बैठक में चिंतामणि देवी, उर्मिला देवी, कविता यादव, संगीता सिन्हा, सुप्रीति कुमारी, मीना देवी, गीता देवी, रीना देवी, माधुरी देवी, सुनीता सिंह, फरजाना खातुन, ललिता देवी, संजू देवी, उषा कुमारी, किरण देवी, कांति देवी, बिमला कुमारी, किरण देवी, रेखा देवी, कुंती देवी, अर्चना देवी आदि मौजूद थीं।


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