प्रधान का भाषण झूठ का पुलिंदा : ठाकुर
रांची झारखंड प्रदेश काग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने धर्मेद्र प्रधान की वर्चुअल रैली पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि यह केंद्र के किसी मंत्री का संबोधन नहीं बल्कि भारतीय झूठी पार्टी का बयान की तरह लग रहा था। वास्तविकता में केंद्र ने कुछ किया ही नहीं है इसलिए वर्चुअल के माध्यम से वे झूठ बोलने का काम कर रहे हैं।
रांची : झारखंड प्रदेश काग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने धर्मेद्र प्रधान की वर्चुअल रैली पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि यह केंद्र के किसी मंत्री का संबोधन नहीं, बल्कि भारतीय झूठी पार्टी का बयान की तरह लग रहा था। वास्तविकता में केंद्र ने कुछ किया ही नहीं है, इसलिए वर्चुअल के माध्यम से वे झूठ बोलने का काम कर रहे हैं। जिस प्रकार से गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बारे में झूठ बोलने का काम किया है, झारखंड की जनता भारतीय झूठी पार्टी के ऐसे झूठे नेताओं को मुंहतोड़ जवाब देगी।
उन्होंने कहा कि झारखंड पूरे देश में पहला ऐसा राज्य है, जहा प्रवासी मजदूरों को सबसे पहले ट्रेन एवं प्लेन से लाया गया। प्रदेश काग्रेस के अध्यक्ष व खाद्य आपूíत मंत्री रामेश्वर उराव द्वारा द्वारा जन वितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक घर तक अनाज पहुंचाने का काम किया गया। साथ ही साथ जो प्रवासी मजदूर लौटे, उन्हें तुरंत ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम द्वारा मनरेगा के तहत रोजगार देने का काम किया गया, कृषि मंत्री बादल पत्र लेख द्वारा किसानों की मदद की गई। परिणाम स्वरूप एक भी भूख से मौत की खबर नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा कोविड-19 के संक्रमित लोगों के बेहतर इलाज की व्यवस्था की गई, परिणाम स्वरूप रिकवरी रेट झारखंड की सबसे अच्छी है।
ठाकुर ने कहा कि धर्मेंद्र प्रधान ने वर्चुअल रैली में झूठ बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने छह बार मुख्यमंत्रियों से बात की, किंतु सच्चाई यह है की जब लॉकडाउन करना था, तो प्रधानमंत्री ने किसी राज्य से संपर्क नहीं किया। कोरोना संक्रमण को लेकर एक तरफ ओडिशा, बिहार एवं उत्तर प्रदेश की सरकारों की सराहना करते नहीं थकते, वहीं झारखंड, बंगाल और छत्तीसगढ़ को कोसते नहीं थकते। जबकि, सबको पता है कि किस तरह पूरे देश में छत्तीसगढ़ और झारखंड ने कोविड-19 महामारी के दौरान काम किया और सबसे ज्यादा रिकवरी रेट इन्हीं राज्यों की रही है। ठाकुर ने चीन में जवानों की शहादत पर भी केंद्र को विफल करार दिया।
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