कांग्रेस नेताओं ने एनएच-33 को नया नाम दिया, भाजपा हड्डीतोड़ हाइवे-33
कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने रविवार को जगह-जगह बोर्ड लगाकर एनएच 33 का नया नामकरण किया।
रांची/जमशेदपुर। कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं ने रविवार को जगह-जगह बोर्ड लगाकर एनएच 33 का नाम बदलने की घोषणा की। नया नाम रखा है भाजपा हड्डीतोड़ हाईवे- 33 और इससे संबंधित बोर्ड आधा दर्जन जगहों पर लगाए भी गए हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डा. अजय कुमार ने जमशेदपुर में कार्यक्रम किया वहीं राची के नामकुम में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नामकरण बोर्ड का अनावरण किया। इस दौरान पाहन को बुलाकर पारंपरिक तरीके से पूजा भी कराई गई।
जमशेदपुर के पारडीह चौक के पास 'भाजपा हड्डीतोड़ हाइवे-33' नामकरण का बोर्ड लगाने के बाद सभा को संबोधित करते हुए डा. अजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पथ पर नामकुम से लेकर बहरागोड़ा तक लगभग 700 से अधिक जानें जा चुकी हैं। लगभग 1100 से अधिक दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। दो हजार से अधिक लोगों का अंग-भंग हो चुका है। हजारों वाहन हर महीने इस सड़क पर खराब हो रहे हैं। आम और खास नागरिकों की सड़क पर यात्रा करने के दौरान समय की बर्बादी हो रही है। जनता को होने वाले नुकसान की जिम्मेदारी लेने से भाजपा सरकार भाग रही है। इसमें नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार एवं रघुवर दास की राज सरकार दोनों शामिल है। सड़क निर्माण के नाम पर 1520 करोड़ रुपये बैंक से निकाल कर हड़प लिए गए। संवेदक ने सरकार से मिल कर बड़े पैमाने पर पैसों की बंदरबाट कर ली। इसको झारखंड हाईकोर्ट ने पकड़ा। 170 करोड़ रुपये का हिसाब सरकार के खाते में नहीं मिल रहा है। सड़क की खराब हालत को देखकर मुख्यमंत्री रघुवर दास भी सड़क पर नहीं चलते। उड़नखटोले से जमशेदपुर पहुंच जाते हैं। मुख्यमंत्री को लगता है सब कुछ वेलडन है। यहां सड़क पर लोग जान दे रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि जब तक जनता को सुरक्षित सड़क सरकार बना कर नहीं देती, तब तक जनता के हित में आदोलन जारी रहेगा।
वहीं रांची के नामकुम में रामपुर पेट्रोल पंप के समीप बोर्ड का अनावरण करने पहुंचे प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की आंखें खोलने के लिए नामकरण दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सरकार घोषणा-वीर बनकर रह गई है। एनएच-33 पर दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान चली गई लेकिन रघुवर सरकार ने सुध तक नहीं ली। उन्नत सड़कें, समृद्ध झारखंड सिर्फ जुमला बनकर रह गया है। ग्रामीणों को जिलाध्यक्ष सुरेश बैठा, बमूल्य नीरज खलखो, सुंदरी तिर्की, सतीश पांडा आदि ने संबोधित किया।
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