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सुबह से बारिश ने बढ़ाई ठंड, जनजीवन अस्त-व्यस्त

रांची, जेएनएन : राजधानी रांची समेत मध्य एवं दक्षिण झारखंड के जिलों में सोमवार को हो रही बारिश

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Dec 2018 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 17 Dec 2018 12:52 PM (IST)
सुबह से बारिश ने बढ़ाई ठंड, जनजीवन अस्त-व्यस्त
सुबह से बारिश ने बढ़ाई ठंड, जनजीवन अस्त-व्यस्त

रांची, जेएनएन : राजधानी रांची समेत मध्य एवं दक्षिण झारखंड के जिलों में सोमवार को हो रही बारिश के बाद बढ़ी ठिठुरन से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इससे आम लोग काफी परेशान रहे। सोमवार की सुबह कोहरे की चादर में लिपटी हुई आई। घने कोहरे से धूप की कमी खलती रही। इसकी वजह से जहा ठंड अधिक रही, वहीं यातायात काफी प्रभावित हुआ। दृश्यता बहुत कम रहने के कारण वाहन चलाना मुश्किल बना रहा। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रांची समेत अन्य जगहों पर कल भी बादल छाए रहेंगे। दक्षिण और मध्य झारखंड में भी जोरदार बारिश होने की संभावना है। चक्रवती तूफान के कारण बूंदाबांदी जारी रहेगी।

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अलाव जलाकर राहत पाने की कोशिश

कई स्थानों पर लोग निजी स्तर पर अलाव जलाकर आग से राहत पाने की कोशिश में बैठे नजर आ रहे थे। दिन का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बच्चे व बुजुर्ग परेशान

ठंड बढ़ने से बुजुर्गो के साथ खास तौर से छोटे बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। बीते पाच दिनों से सर्दी के तेवर तीखे बने हुए हैं। एकदम से बदले मौसम के बाद ठंड बच्चों और बुजुर्गो पर अधिक असर डाल रही है। बुजुर्ग जहा हड्डी और श्वास रोगों के शिकार हो रहे हैं। वहीं बच्चों में डायरिया की शिकायतें सामने आ रही हैं।

रांची, लातेहार, हजारीबाग, चतरा, लोहरदगा आदि जिलों के सदर अस्पताल में प्रतिदिन तीन-चार बच्चे इस तरह के लक्षणों वाले आ रहे हैं। हालाकि, अभी कोई ऐसा गंभीर मामला नहीं मिला है, जिसमें कि रोगी को भर्ती किया जाए। सर्दियों में इसका वायरस अधिक सक्रिय होता है। इसके कारण बच्चे को उल्टी, दस्त, दवाइयों का असर न होना, शरीर में पानी की कमी, कमजोरी, भूख न लगना आदि परेशानी हो जाती हैं। नहीं हुई अलाव की व्यवस्था :

झारखंड के अधिकांश जिलों में लगातार कोहरे व शीतलहरी के कारण बढ़ी ठंड में भी अब तक प्रशासन की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई। जिससे गरीब व असहायों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

फसलों के लिए लाभकारी है बारिश

बारिश ने किसानों के चेहरे खिला दिए हैं। आलू व सरसों की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान है। आलू व सरसों की फसल के लिए बारिश व बढ़ी सर्दी लाभकारी है। लातेहार के किसान सहदेव परहिया बताते हैं कि आलू की खेती को 40 दिन से अधिक हो गए। ठंड नहीं बढ़ने की वजह से आलू छोटा रह जाता है। ठंड से आलू का अंकुर बढ़ता है। ऐसे में आलू की फसल के लिए बढ़ी ठंड लाभकारी होगी। सरसों की खेती करने वाले बासदेव गंझू ने बताया कि सरसों की खेती पूर्ण रूप से इस समय लहरा रही है। जिससे एक पानी की सिंचाई 15 दिन बाद करनी होगी। लेकिन मौसम में हुए बदलाव से किसानों पर अधिक पानी की सिंचाई करने का बोझ नहीं पड़ेगा। चरमरा गई बिजली आपूर्ति

मध्य एवं दक्षिणी झारखंड के अधिकांश जिलों में विद्युतापूर्ति प्रभावित रही। रांची में विभिन्न इलाकों में सुबह से ही बिजली कटने का सिलसिला जारी है। दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही लोड शेडिंग के कारण 24 घटे के दौरान 7 से 8 घटे भी बिजली मुहाल हो गई है। झारखंड के अधिकांश जिलों का यही हाल है। ग्रामीण इलाकों में हवा के हल्के झोंके भी बिजली के जर्जर तार बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं हैं।


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