सीएम रघुवर बोले, देश में भविष्य का आईटी हब होगा झारखंड
रघुवर दास ने कहा कि प्रखंड में प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से महिलाओं को दस सीटों वाले बीपीओ के लिए काम उपलब्ध कराने में सरकार मदद करेगी।
रांची, जेएनएन। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि गुड गर्वनेंस के लिए आइटी का अधिकतम उपयोग जरूरी है। राज्य सरकार झारखंड में डिजीटल क्रांति की दिशा में अग्रसर है। आइटी के माध्यम से न केवल काम में तेजी आएगी, बल्कि भ्रष्टाचार और बिचैलियों पर भी लगाम लगेगी। पिछले तीन साल में झारखंड में आइटी के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। इसी का नतीजा है कि आज हमने देश में सबसे पहली बार ग्रामीण बीपीओ शुरू किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिकता को उपयोगिता बनाया जा सकेगा। उक्त बातें उन्होंने झारखंड आइटी कनक्लेव 2018 कार्यक्रम में कहीं।
रघुवर दास ने कहा कि प्रज्ञा केंद्रों के माध्यम से टेली हेल्थ का कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें एक परिवार को डॉक्टर से साल भर में आठ बार बात करने और दवाएं मुफ्त दी जाती हैं। राज्य में बीपीएल परिवारों को ये सुविधा प्रदान करने के लिए प्रज्ञा केंद्रों को सहायता करेगी। इसके साथ ही हर प्रखंड में प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से महिलाओं को दस सीटों वाले बीपीओ के लिए काम उपलब्ध कराने में सरकार मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएमजी दिशा कार्यक्रम में झारखंड देश में दूसरे स्थान पर है। राज्य में 9.50 लाख लोगों को डिजीटल शिक्षा दी गयी है। इसमें 4.50 लाख ऑनलाइन परीक्षा में पास कर चुके हैं। इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) और इंडिया टैलेंट (आइटी) मिलकर इंडिया टुमोरो (आइटी) बनते हैं। विकास और रोजगार में तालमेल जरूरी है। जब एक ओर विकसित देशों में बूढ़ों की जनसंख्या ज्यादा होती जा रही है, भारत की 65 प्रतिशत आबादी नौजवानों की है। ऐसे में सर्विस सेक्टर की भूमिका अहम होगी। नई तकनीक को यदि हम बदलते समय के साथ नहीं अपनायेंगे, तो हम पिछड़े जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के न्यू इंडिया के सपनों को साकार करने के लिए गांव, गरीब, किसान को डिजीटल साक्षर करना जरूरी है। न्यू इंडिया और न्यू झारखंड के निर्माण में सभी को अपनी भूमिका निभानी होगी।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नक्सल प्रभावित प्रखंडों में 30 ग्रामीण बीपीओ का उदघाटन किया। जिससे 5000 लोगों को रोजगार से जुड़ गए। सांकेतिक रूप से कुछ लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। बीपीओ शुरू करने वाली कंपनियों को प्रशस्ति पत्र दिए।
विकास के लिए बदलाव महत्वपूर्णः मुख्य सचिव
विकास के लिए बदलाव को अपनाना महत्वपूर्ण है। डिजिटल झारखंड की परिकल्पना उसी राह पर बड़ा आगाज है। झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने यह बात अपने संबोधन में कही। मुख्य सचिव ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं। इसे लेकर राज्य के हरेक नागरिक को डिजिटली मजबूत करना है। इसे एक एक लहर, क्रांति, जन आंदोलन बनाना है। यह सब प्रारंभ हो चुका है। राज्य के युवाओं के माध्यम से घर-घर में इस जन आंदोलन को पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा हमारा भविष्य हैं, उन्हें विकास में भागीदार बनाने के लिए उन्हें तकनीकी तौर पर मजबूत बनाया जा रहा है। कहा, झारखंड के युवाओं ने पूरे देश को दिखाया है कि यहां के युवा बदलाव के वाहक बन विकास की ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास की सोच को आगे बढ़ाते हुए आईटी साक्षर बन राज्य के पांच हजार से अधिक युवा युवाओं के लिए अवसर गढ़ रहे हैं। ये अब तक इस आंदोलन से 9 लाख से अधिक युवाओं को जोड़ चुके हैं। 20 हजार युवाओं को बेसिक कंप्यूटर शिक्षा दी जा चुकी है। 20 बीपीओ शुरू कर झारखंड राज्य देश में अव्वल बन चुका है। सिल्ली में देश का पहला बीपीओ खुला है। वहां सैनेटरी नैपकिन का निर्माण हो रहा है। कहा, राज्य में 20 हजार बीपीओ खुलेंगे। उनसे एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे।
इस दौरान विधायक नवीन जायसवाल, मेयर आशा लकड़ा, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, आइटी सचिव सतेंद्र सिंह, सीएससी-एसपीवी के सीईओ दिनेश त्यागी, फेसबुक इंडिया के नितिन सलूजा, स्टार्टअप इंडिया फाउंडेशन के चेयरमैन अनिल छिकारा, एसटीपीआइ के महानिदेशक ओमकार राय, इंडिया नेटवर्क के सीइओ राहुल नारवेकर, आइटी निदेशक यूपी साह समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।