Jharkhand Assembly Election 2019: CM रघुवर बोले, सोरेन परिवार से आदिवासी जमीन का हिसाब-किताब लेगी सरकार
Jharkhand Assembly Election 2019. धनबाद की सभाओं में भी सीएम के निशाने पर झामुमो रहा। पहली दफा सीधी कार्रवाई के एलान पर बटोरी तालियां।
जोहार यात्रा से प्रदीप सिंह। Jharkhand Assembly Election 2019 - अबतक अपनी सभाओं में झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो शिबू सोरेन परिवार पर आदिवासियों की जमीन लूटने का आरोप लगा रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास ने एलान किया है कि सरकार एक-एक जमीन का हिसाब लेगी। गुरुवार को कोयलानगरी धनबाद की यात्रा के दूसरे दिन रघुवर दास ने उन मुद्दों को बड़ी सहजता से उठाकर आमलोगों को आकर्षित करने की कोशिश की जो इन दिनों झारखंड विधानसभा के चुनावी महासमर में चर्चा का केंद्र बने हैं।
बैंक मोड़ से आगे गोधर मैदान में हुई पहली जनसभा से ही रघुवर दास ने इसकी शुरुआत कर तालियां बटोरी। लोगों का उत्साह देख सोरेन परिवार के इर्दगिर्द उन्होंने भाषण को केंद्रित करते हुए कहा कि यह परिवार झारखंड को अपनी जागीर समझता है। झामुमो के सभी पदों में परिवार वाले ही विराजमान हैं। आदिवासियों, मूलवासियों और स्थानीय की बात करने वाला झामुमो बताए कि उसने इनके लिए क्या किया? भाजपा की सरकार ने आदिवासियों-मूलवासियों के लिए स्थानीय नीति परिभाषित की।
युवाओं को रोजगार के अवसर दिए, जबकि स्थानीय नीति के नाम पर झामुमो सिर्फ राजनीति करता रहा। आगे कहा, भाजपा की सरकार विनोद बिहारी महतो के नाम पर यूनिवर्सिटी बना रही है। शहीदों को सम्मान दे रही है, जिसे झामुमो ने भुला दिया था। उनके भाषण में कांग्रेस भी वंशवाद को लेकर निशाने पर रही। यहां की राजनीतिक गणित के हिसाब से रघुवर दास ने सधे अंदाज में मुद्दे उठाए।
कोयलांचल में मजदूरों की भूमिका के मद्देनजर भी खुद को मजदूर बताकर मुख्यमंत्री ने भावनात्मक तौर पर लोगों से जुडऩे की कोशिश की। मुख्यमंत्री की बजाय खुद को मुख्य सेवक बताया और यह भी कहा कि पांच साल से मजदूरी कर रहे हैं और अब पगार का वक्त आया है। पगार के तौर पर लोगों से आशीर्वाद मांगा तो सभाओं में खूब तालियां बजी।
यात्रा के बहाने जमीनी हकीकत का अंदाजा भी
कोयलांचल में मुख्यमंत्री की जनसभाओं और रोड शो भीड़ के हिसाब से दमदार रही। इसकी एक वजह टिकटों को लेकर बड़े पैमाने पर हो रही दावेदारी भी है। एक तरफ सीटिंग सीटों पर जहां मौजूदा विधायकों ने खूब जोर लगाया तो दूसरी ओर नये दावेदारों ने भी कवायद की। भाजपा के एक वरीय नेता की मानें तो इससे यह अंदाजा लग रहा है कि जमीन पर कौन कितना मजबूत और प्रभावी है। विभिन्न सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में इससे आसानी होगी।