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Jharkhand Assembly Election 2019: तेज बारिश में भी मद्धिम नहीं उत्साह, सीएम रघुवर ने गिरिडीह से बरही तक बांधा समां

जोहार जन आशीर्वाद यात्रा के क्रम में रघुवर ने हेमंत सोरेन को निशाने पर लिया। उन्‍होंने कांग्रेस पर भी खूब प्रहार किया। विपक्ष पर लगातार हमलावर हो रहे सीएम ने फिर से सरकार के लिए जनमत मांगा।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 09:11 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 09:11 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: तेज बारिश में भी मद्धिम नहीं उत्साह, सीएम रघुवर ने गिरिडीह से बरही तक बांधा समां
Jharkhand Assembly Election 2019: तेज बारिश में भी मद्धिम नहीं उत्साह, सीएम रघुवर ने गिरिडीह से बरही तक बांधा समां

जोहार यात्रा से प्रदीप सिंह। झारखंड में विधानसभा चुनाव की आधिकारिक घोषणा के पहले ही भाजपा के लिए माहौल बना रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए रविवार को मौसम ने तगड़ी चुनौती पेश की। सुबह राजधानी रांची से शुरूआत के साथ ही उन्हें यात्रा के समापन स्थल बरही तक मौसम के बदलते मिजाज का सामना करना पड़ा। अलबत्ता गिरिडीह में उन्हें राहत अवश्य मिली, लेकिन कोडरमा और हजारीबाग के बरही की उनकी सभा तेज बूंदाबांदी के बीच हुई। सभास्थल को अनुकूल बनाए रखने के लिए खासी मशक्कत भी करनी पड़ी, लेकिन तेज बारिश से कहीं भी मुख्यमंत्री रघुवर दास का उत्साह मद्धिम नहीं पड़ा।

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वे अपने अंदाज में उन्हें सुनने जुटी भीड़ से रूबरू होते रहे। रास्ते में स्वागत के लिए खड़ी भीड़ को देखते ही सुरक्षाकर्मियों को रथ (यात्रा के लिए विशेष बस) की स्पीड कम करने को कहते। सबसे अगली सीट पर सवार सीएम रफ्तार धीमा होने तक लपककर सीढियों तक पहुंच जाते हैं। उतरते के साथ ही थोड़ी आपाधापी मचती है। रस्सियों से घेराबंदी तैयार करने की पुलिसकर्मियों की कवायद और मुख्यमंत्री रघुवर दास का लोगों से हाथ मिलाने का सिलसिला। हर कुछ किलोमीटर पर ऐसा ही नजारा।

रविवार की सभाओं में भी मुख्यमंत्री के निशाने पर झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन रहे। पूर्व के मुकाबले उन्होंने उनके लिए ज्यादा तीखे शब्दों का प्रयोग किया। यह भी चुनौती दे डाली कि इस बार उन्हें बरहेट से भी हराएंगे। सोरेन परिवार को उन्होंने वंशवाद का परिचायक बताया तो कांग्रेस को उन्हें संरक्षण देने वाला करार दिया। अपनी सरकार की उपलब्धियों पर उनका अधिक फोकस रहा। हर सभा के अंत में यह आग्रह करना नहीं भूलें कि आगामी विधानसभा चुनाव में आशीर्वाद के तौर पर कमल की सरकार बनाएं। रघुवर कमल को समृद्धि से जोड़ते हुए कहते हैं-इसी से लक्ष्मी आती हैं। पांच साल काम किया है। अब अपने मालिक जनता से मजदूरी के तौर पर आशीर्वाद मांगने आया हूं।

बदल गई राजनीति की दिशा

अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने का असर कोडरमा और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों की राजनीति पर पड़ा है। रविवार को इसकी झलक भी दिखी। यात्रा के रास्ते भगवामय थे। बिहार से सटे इस क्षेत्र में राजद का प्रभाव अन्नपूर्णा देवी के भाजपा में शामिल होने के बाद क्षीण हो चुका है। इसका प्रभाव विधानसभा चुनाव में नजर आएगा। टिकट बंटवारे में भी उनकी राय अहम होगी।


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