नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक: झारखंड ने केंद्र से मांगा 275 कंपनी अर्द्धसैनिक बल
नक्सल मुद्दों को लेकर गृह मंत्री अमित शाह की अगुआई में दिल्ली में आयोजित बैठक में 10 नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड में नक्सलियों के उन्मूलन को लेकर केंद्रीय बलों के साथ चलाए जा रहे साझा अभियान के सकारात्मक परिणाम की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है। सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में नक्सलवाद अंतिम पड़ाव पर है। उन्होंने इस अभियान को मुकाम तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से मदद की अपेक्षा भी की। आने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव भी शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो, इसके लिए करीब 275 कंपनी अर्द्धसैनिक बल की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में नक्सलियों पर जो दबाव बन रहा है उसके लिए आवश्यक है कि अर्धसैनिक बलों की कमी अगले दो तीन वर्षों तक न की जाए। वर्तमान में कुछ अर्द्धसैनिक बल दूसरे राज्यों में अस्थायी, तो कुछ बल स्थायी रूप से भेज दिए गए हैं। उन्होंने गृह मंत्री से आग्रह किया कि झारखंड देश का 35-40 फीसद खनिज का का उत्पादन करता है। यहां नक्सली पुन: अपने संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ कर सकते हैं। राज्य सरकार नक्सलियों के विरुद्ध 'क्लीयर, होल्ड एंड डेवलप' की नीति के तहत आगे बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में यहां केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की नितांत आवश्यकता है।
नक्सली घटनाओं में आई कमी
मुख्यमंत्री ने आंकड़ों का हवाला दे नक्सल घटनाओं में आई कमी की जानकारी दी। कहा, वर्ष 2010-14 की तुलना में वर्ष 2015-19 में नक्सली समस्या में 60 फीसद की कमी आई है। आम जनता को नुकसान कम पहुंचा है और पुलिस मुठभेड़ में सबसे ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। इस वर्ष लोकसभा चुनाव भी ऐतिहासिक रहा। चुनाव के दौरान एक भी नक्सली घटना नहीं घटी। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में झारखंड में भी स्पेशल इंटेलीजेंस ब्यूरो (एसआइबी) का गठन किया गया है।
राज्य में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को प्रभावी बनाने के लिए झारखंड जगुआर को विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया और आधुनिक हथियार उपलब्ध कराए गए, जिसका असर भी दिखा। राज्य में बम निरोधक दस्ता दोगुनी की गई, यानी वर्तमान में 12 दस्ते कार्यरत हैं। इससे बारूदी सुरंग से क्षति को बहुत हद तक कम किया गया।
Delhi: Union Home Minister Amit Shah holds an inter-state council meeting on anti-Maoist operations. Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel, Madhya Pradesh CM Kamal Nath, UP CM Yogi Adityanath, Odisha CM Naveen Patnaik, and Jharkhand CM Raghubhar Das present at the meeting. pic.twitter.com/etbkyIwjkx
— ANI (@ANI) August 26, 2019
बल की संख्या बढ़ी, गांवों में विकास किया
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने भाषण में कहा कि ढाई दशक में सिर्फ 250 दारोगा को ही बहाल किया जा सका था। जबकि, इधर सिर्फ पांच सालों में 2,500 दारोगा की नियुक्ति की जा चुकी है। ये प्रशिक्षण ले रहे हैं और शीघ्र ही योगदान देंगे। उनके आते ही पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ेगी। इतना ही नहीं, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 2,500 सहायक पुलिस को भी बहाल किया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पुलिस पिकेट आदि खोले गए हैं, ताकि आपराधिक घटनाएं कम हों। वर्ष 2001-14 तक ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 22,248 किलोमीटर सड़कें ही बनी थीं, वहीं पिछले पांच साल में 22,865 किलोमीटर सड़कें बनीं। इसमें विशेष केंद्रीय अनुदान का महत्वपूर्ण योगदान रहा।