झारखंड में 28 लाख किसानों को मोबाइल देगी सरकार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने और उन्हें देशभर की कृषि मंडियों में बेचने की सुविधा प्रदान करने पर जोर दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य दिलाने और उन्हें देशभर की कृषि मंडियों से डिजिटल जोड़ने के उद्देश्य से राज्य सरकार 28 लाख किसानों को मोबाइल फोन देगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को कृषि समागम में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष (2019-20) के बजट में इस बाबत वित्तीय प्रावधान किया जाएगा। सभी 28 लाख किसानों को ई-नैम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) से जोड़ा जाएगा।
29 व 30 नवंबर को रांची में होने वाली ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट की तैयारियों के सिलसिले में कृषि समागम का आयोजन किया गया था, जिसमें किसानों और निर्यातकों ने अपने अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते वक्त के साथ तकनीक में भी बदलाव आया है। हम डिजिटल युग में हैं। प्रधानमंत्री भी डिजिटल इंडिया की कल्पना साकार कर कार्य कर रहें हैं। तो क्यों न हम डिजिटल झारखंड की कल्पना करें।
किसान भाइयों को कृषि से संबंधित नई जानकारियों से आच्छादित करने के उद्देश्य से आगामी बजट में राज्य सरकार 28 लाख किसानों को मोबाइल फोन प्रदान करेगी, ताकि बिचौलिया और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों से मुक्ति मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष बारिश कम हुई है। बारिश कम होने से धान की फसल को नुकसान हुआ है। इस नुकसान का आकलन करने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है।
10 नवंबर तक इससे संबंधित जानकारी प्राप्त होगी। तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार ने 100 करोड़ के बजट का प्रावधान इस मद में किया है। इसके अलावा 18 नवंबर को राज्य के सभी जिलों में फसल बीमा योजना से संबंधित शिविर लगाने का निर्देश भी दिया गया है, जिससे समय रहते किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही फसल से संबंधित किए जा रहे इंश्योरेंस प्रथा को समाप्त किया जाएगा। सरकार एक ट्रस्ट का गठन करेगी और किसानों को उसी ट्रस्ट के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। इससे किसानों को इंश्योरेंस के लिए दौड़ भी नहीं लगानी होगी। मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सोच में परिवर्तन जरूरी है। अगर किसी क्षेत्र में हम पीछे हैं तो हमें आगे आने के लिए जोर लगाना होगा। छलांग लगानी होगी।
किसानों को इजरायल भेजे जाने का उद्देश्य भी यही था। इस मौके पर कृषि सचिव पूजा सिंघल ने ग्लोबल एग्रीकल्चर समिट के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला वहीं, उद्योग सचिव के रविकुमार ने फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी में किए गए प्रावधानों की जानकारी दी। मौके पर विकास आयुक्तडीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा सुनील कुमार वर्णवाल राज्य भर से पहुंचे किसान और कृषि विशेषज्ञ उपस्थित थे।
29 और 30 नवंबर को आयोजित वैश्विक कृषि सम्मेलन में किसान बने ब्राड एंबेसडर मुख्यमंत्री ने 29 व 30 नवंबर को होने वाली ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट में शामिल होने के लिए किसानों को आमंत्रण दिया। कहा, आप आएं और एग्रीकल्चर एंड फूड समिट के ब्राड एंबेसडर बनें। समिट के माध्यम से यहा के किसान लाभांवित हों, तकनीक का आदान-प्रदान हो, अन्य राज्यों और देश के किसानों की कार्यप्रणाली से हम अवगत होकर इसे झारखंड में लागू करें।