Jharkhand Lockdown: छत्तीसगढ़ में फंसे 50 लोग झारखंड भेजे गए, अभी बेंगलुरु में फंसे हैं 6 छात्र
Jharkhand Lockdown. हेमंत सोरेन ने पहल करते हुए दूसरे राज्यों में फंसे झारखंडवासियों किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए वहां के मुख्यमंत्रियों से बात की।
रांची, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र से झारखंड, बंगाल, बिहार और असम से लौट रहे लगभग 200 मजदूर बिलासपुर में उस वक्त फंस गए जब कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। इनमें 50 मजदूर झारखंड के थे। इस सूचना के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहल करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की और मजदूरों की सुरक्षित वापसी का मार्ग निकाला। मुख्यमंत्री ने बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा है कि संकट की घड़ी में हम सभी साथ हैं।
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल के बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फंसे 50 मजदूर अपने गांव के लिए रवाना कर दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने हेमंत सोरेन को बताया कि पूर्ण सुरक्षा एवं सावधानी के साथ झारखंड के लोगों को छत्तीसगढ़ शासन ने रवाना कर दिया है। जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा है कि आपने मेरा आग्रह स्वीकार कर झारखंड के मजदूर भाइयों की मदद की। दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी दी गई थी कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फंसे मजदूरों के झारखंड लौटने की कोई सुविधा नहीं है। इन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ है। इसके बाद उन्होंने यह पहल की।
पहले भोजन कराया फिर बस से भेजा
एर्नाकुलम- बिलासपुर एक्सप्रेस ट्रेन से पहुंचे मजदूरों को पहले छत्तीसगढ़ृ प्रशासन ने भोजन कराया, फिर बस की व्यवस्था कर झारखंड के लिए रवाना किया गया। बताते चलें कि मजदूरों का दक्षिण भारत के पलामा स्टेशन तक रिजर्वेशन था। वहां से दूसरी ट्रेन से धनबाद तक जाने का रिजर्वेशन था। जैसे ही इन लागों को यह पता चला कि पलामा से ट्रेन रद है, तो सभी इसी आस में बिलासपुर स्टेशन पहुंच गए कि यहां से धनबाद नजदीक है और कोई न कोई साधन मिल जाएगा। सोमवार देर रात इसकी सूचना कलेक्टर को मिली। मंगलवार को सुबह कलेक्टर डा. एसके अलंग, एसपी प्रशांत अग्रवाल स्टेशन पहुंचे। मजदूरों को पहले भोजन कराया गया। इसके बाद रेलवे अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने मजदूरों की जांच की।
कर्नाटक सीएम से छात्रों के लिए मदद मांगी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा से वहां फंसे झारखंड के छात्रों के लिए मदद मांगी है। दरअसल, अमन भारद्वाज ने सीएम को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह और उसके पांच दोस्त बेंगलूर में फंस गए हैं। विमान मिल नहीं रहा है और कॉलेज ने हॉस्टल खाली करने को कह दिया है। इस ट्वीट पर सक्रिय हुए सीएम ने वहां के मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि छात्रों को आवश्यकता के अनुसार जरूरी सहायता मुहैया करा दें।
राजभवन में ही समय बिता रहीं राज्यपाल
कोरोना से बचाव को लेकर लॉक डाउन लागू होने के बाद राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू राजभवन में ही अपना समय बिता रही हैं। राज्यपाल सामाजिक दूरी का भी पूरी तरह अनुपालन कर रही हैं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं। राजभवन के भी अधिसंख्य पदाधिकारियों और कर्मियों को अपने घर में ही काम करने को कहा गया है। वैसे कर्मियों से ही अति आवश्यक कार्य लिए जा रहे हैं जो राजभवन परिसर में रहते हैं। उन्हें सैनिटाइज कर ही अंदर भेजा जाता है।
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, लॉक डाउन लागू होने के बाद राज्यपाल अपना पूरा समय अपने परिवार के साथ बिता रही हैं। योगा, मॉर्निंग वॉक उनकी दिनचर्या में पहले से ही शामिल है। वे टीवी भी देखकर अपना समय बिता रही हैं। शाकाहारी राज्यपाल अपने खान- पान पर भी विशेष ध्यान रख रही हैं। प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर भी वे लगातार नजर रख रही हैं और इसे लेकर अधिकारियों से फोन पर जानकारी भी ले रही हैं। पिछले दिनों इसे लेकर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव को राजभवन भी बुलाया था। राज्यपाल ने होली से पहले ही अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिए थे। उनका रांची विश्वविद्यालय के रेडियो खांची तथा कोल्हान विश्विद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग में कार्यक्रम निर्धारित था।
दवा एवं अन्य जरूरी वस्तुओं की न हो कालाबाजारी
राज्यपाल ने लोगों से घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है। उन्होंने नागरिकों से लॉक डाउन की परिस्थितियों को समझते हुए इसका पूर्णत: पालन करने का आह्वान किया है। राज्यपाल ने कालाबाजारी की सूचना पर चिंता भी व्यक्त की है। राशन दुकानदारों, दवा दुकानदारों, फल-सब्जी विक्रेताओं से कहा है कि वैश्विक संकट की इस घड़ी में आवश्यक चीजों को अधिक दामों में न बेचें। उन्होंने सही मूल्यों पर ही दवा और अन्य चीजों को बेचने का मानव धर्म का पालन करने का आह्वान किया है। यह भी कहा कि राशन और मेडिकल स्टोर में लोग दूरी बनाकर रहें अथवा उचित दूरी में पंक्तिबद्ध होकर सामग्री लें। उन्होंने मास्क औऱ सैनिटाइजर की कालाबाजारी को अक्षम्य बताया है।
इधर, बेंगलुरु में झारखंड के छह लोग लॉकडाउन के कारण फंस गए हैं। अमन भारद्वाज नाम के छात्र ने सीएम हेमंत सोरेन से ट्वीट कर मदद मांगी है। सभी छह लोग कॉलेज में पढ़ते हैं। उन्हें कॉलेज प्रबंधन से जाने के लिए कह दिया है। उन्हें वहां से रांची आने के लिए कोई फ्लाइट की सुविधा भी नहीं मिल रही है। इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने पहले करते हुए कर्नाटक के सीएम से अपील की है। और वहां फंसे झारखंड के छात्रों की मदद करने के लिए अनुरोध किया है।
मदद हेतु राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 181 बनाया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमण की रोकथाम को लेकर घबराएं नहीं, बल्कि सजग रहें। राज्य में या राज्य के बाहर रह रहे झारखंडवासियों की मदद हेतु राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम 181 बनाया गया है। कोरोना से जुड़ी जानकारी या समस्या बताने के लिए 181 पर फोन कर अपनी बात रख सकते हैं।
आज सजग रहेंगे तो कल सुरक्षित होगा
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से अनुरोध किया है कि वे मामले की गंभीरता को समझें। हम आज सजग रहेंगे तो कल सुरक्षित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी जिला उपायुक्त एवं पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि सख्ती से लॉकडाउन का पालन हो। नियम तोडऩे वालों पर त्वरित न्यायसंगत कार्रवाई करें।