Budget 2020: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आम बजट को उम्मीदों के विपरीत बताया
Jharkhand. रांची स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बात करते हुए सीएम ने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण में गरीबी महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों पर कोई चर्चा नहीं की।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय बजट को आम लोगों की उम्मीदों के विपरीत बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पौने तीन घंटे के बजट भाषण में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र ने क्या तैयारियां की है, इसकी कोई चर्चा तक नहीं की। अपने आवास में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट गरीबों, किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों और युवाओं को हताश करने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट का आकलन अर्थशास्त्री कर रहे हैं, इसके बाद ही कहा जा सकता है कि इस बजट से देश का कितना विकास होगा। लोगों की उम्मीदें कितनी पूरी होंगी और इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन, पहली नजर में हमारे दृष्टिकोण से केंद्र सरकार का यह बजट कहीं से विजनरी नहीं लग रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के हितों को ध्यान में रखकर लाया गया है।
बड़े उद्योगपति जो टैक्स की चोरी करते हैं, उन्हें बजट के जरिए राहत देने की कोशिश की गई है। सीएम ने कहा कि मिडिल क्लास को आयकर में मामूली राहत दी गई है। आम लोगों ने आयकर के स्लैब में जिस छूट की उम्मीद की थी, उसे बजट में दरकिनार कर दिया गया है, इतना ही नहीं, इस बजट में ज्यादा से ज्यादा सरकारी संपत्तियों के निजीकरण को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है। इससे देश का हित नहीं सधेगा।
बजट में न तो दिशा दिखती है और न ही दृष्टि
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम बजट में विजन का पूरी तरह अभाव है। इसमें न तो दिशा दिखती है और न ही दृष्टि। पहली बार बजट में ऐसा देखने को मिला है कि किस सेक्टर में कितना खर्च किया जाना है, इसका कहीं जिक्र तक नहीं है। बजट पूरी तरह पूंजीपतियों को समर्पित है और आम लोगों को सिर्फ दिलासा देने की कोशिश की गई है। किसी भी सूरत में इसे संतुलित बजट नहीं कहा जा सकता है।
मांग की थी ट्राइबल यूनिवर्सिटी की, मिला ट्राइबल म्यूजियम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी खोलने की मांग रखी थी। लेकिन, आज पेश किए गए बजट में रांची में ट्राइबल म्यूजियम खोलने की बात है। इस तरह इस बजट में झारखंड की बहुप्रतीक्षित मांग भी पूरी नहीं की गई। यहां के आदिवासियों के साथ फिर एक बार धोखा किया गया।