फिर से फार्म में हैं सरयू राय... जिसके पीछे लगे, सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लिया...
Jharkhand News Jharkhand Samachar झारखंड की राजनीति के धुरंधर और माहिर राजनेता माने जाने वाले सरयू राय एक बार फिर से फार्म में हैं। उन्हाेंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों की सीबीआइ जांच कराने की मांग गृह मंत्री अमित शाह से की है। सरयू एक बार फिर सुर्खियों में हैं...
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News, Jharkhand Samachar Jharkhand News, Jharkhand Samachar: झारखंड की राजनीति के धुरंधर और माहिर राजनेता माने जाने वाले सरयू राय एक बार फिर से फार्म में हैं। उन्हाेंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों की सीबीआइ जांच कराने की मांग गृह मंत्री अमित शाह से की है। सरयू एक बार फिर सुर्खियों में हैं... राज्य ब्यूरो प्रभारी प्रदीप सिंह के साथ पढ़ें सत्ता के गलियारे से...
उल्टा पड़ा दांव
अब खुद के खिलाफ ही जांच की मांग कभी सुनी है आपने। बस अपनी इसी छवि के कारण तो ये फर्जी जमात के लिए बुरे सपने के समान हैं। जिसके पीछे लगे, सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लिया। जिसने ज्यादा पंगा लेने की कोशिश की, उसकी तो और ज्यादा दुर्गति हुई। ऐसे कई किस्से झारखंड में इनके नाम हैं। जलने वाले भी कहते हैं कि न तो इनके आगे अच्छा, न तो पीछे। सुरक्षित दूरी बनाए रखने में ही भलाई है। वरना इनकी राय ऐसी होती है कि फंस जाता है सामने वाला चंगुल में। बस ऐसे ही एक नौसिखिये ने इनपर ही सीधे प्रहार करने की जुर्रत कर दी। स्थिति ऐसी हो गई है कि अब न उगलते बन रहा है न निगलते। खुद माननीय ने लिख दिया है दिल्ली को, हमारे खिलाफ लगे आरोपों की जांच करा ली जाए सीबीआइ से।
.@HemantSorenJMM जी, श्री कुणाल सारंगी ने कल मुझ पर दो आरोप लगाया है, कि मंत्री रहते मैंने अपने विभाग में कतिपय अनियमितता किया है.इसकी त्वरित जाँच किसी भी सक्षम एजेंसी से करा लिया जाय. दोषी पाये जाने पर मैं सजा भुगतने के लिये तैयार हूँ. pic.twitter.com/qrF5OT18v4— Saryu Roy (@roysaryu) March 27, 2021
पावर का नशा
कहते हैं कि पावर का नशा हर कलियुगी नशे से ऊपर है। जब यह चढ़ती है तो सबकुछ रंगीन दिखता है और जब उतरती है तो दुनिया हो जाती है बेगाना। वैसे भी रंगीन बोतल के कारोबारी इन दिनों कुछ ऐसे ही सुरूर में हैं। कभी ऐसा भी समय था कि रुपये-दो रुपये ज्यादा लेने पर लेने के देने पड़ जाते थे, लेकिन अब बात ही कुछ और है। जिसको जो मन करे, वसूल ले। भला मय के शौकीनों ने कभी पैसे को लेकर किचकिच की है। इससे दोतरफा पेट भर रहा है कारोबारियों का। ऊपर से लगने वाला सेस हट गया, लेकिन ये हैं कि वसूलने से नहीं चूकते। महकमे में भी इसकी खूब चर्चा है। इसी के दम पर तो सबकुछ टिका है। बेचारों की जेब कटती है, तभी तो ऊपर से लेकर नीचे तक बंटती है। ऐसा नहीं हो तो भला होली और दीवाली का क्या मजा।
डबल इंजन
पड़ोसी बंगाल में जमे एक झारखंडी नेता के कदम इन दिनों जमीन पर नहीं हैं। किस्मत का दरवाजा ऐसा खुला है कि बिन मांगी मुराद पूरी हो रही है। जिसने सरेआम नीचा दिखाने की कोशिश की थी, वह भी अदब से पेश आता है। जिससे भी मिलते हैं, बताना नहीं भूलते कि बस कुछ दिनों की और बात है। अब तो राजपाट आ गया अपना बंगाल में। मौका पाते ही नौसिखियों को व्याख्यान भी देते हैं और राजनीतिक गुर बताते भी नहीं थकते। ऐसे ही एक जगह ये बताने लगे डबल इंजन के फायदे। महिमा बता रहे थे कि कैसे एक-दूसरे की मदद करता है डबल इंजन। यह लग जाए तो विकास बंगाल की खाड़ी के पार हो जाएगा। नेताजी को पता नहीं था कि सामने वाला दिलजला है। उसने पूछ ली झारखंड के डबल इंजन का हश्र, तो नेताजी ने तुरंत जरूरी काम का हवाला देते हुए कन्नी काट ली।
बंगले पर नजर
वक्त जब सितम पर उतर आए तो अच्छे दिन की ऐसी की तैसी हो जाती है। अब हुजूर का ही हाल देखिए। हाथी पर बैठे थे और नीचे चलने वाले ने गड़ा दिए दांत। बड़ी मुश्किल से मिली कुर्सी ऐसी खिसकी कि आंसू बहाने की नौबत आ गई। राज कपूर स्टाइल में तुरंत वर्दी समेटकर गांव की ओर निकलने का भी ऐलान कर दिया, लेकिन बात आई और गई हो गई। राजपाट में जिन्हें चिरकुट कहकर गार्ड वापस लिए थे, अब वे लग गए हैं इनके पीछे। पुरा रिकार्ड निकालने के साथ-साथ यह चौकड़ी इन्हें बंगले से भी बेदखल करने में जुटी है। ताने मारे जा रहे हैं कि बड़े साहब के बंगले में आपका क्या काम है। हुजूर को बहुत मुश्किल हो रही है। न छिपते बन रहा है न नजरें मिलाते। बस अब गिनती के दिन बचे हैं। ये भी जल्द निकल जाएंगे।