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Farmers Loan Waiver: किसानों की कर्ज माफी पर सरकार ले रही बड़ा फैसला, आप भी जानिए...

Farmers Loan Waiver कर्ज की वजह से तमाम किसान एनपीए के दायरे में भी आ चुके हैं। इसके आधार पर यह तय माना जा रहा है कि कर्जमाफी योजना को अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रखा जा सकता है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 08:47 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 07:31 AM (IST)
Farmers Loan Waiver: किसानों की कर्ज माफी पर सरकार ले रही बड़ा फैसला, आप भी जानिए...
Jharkhand Farmers Loan Waiver: कृषि ऋणमाफी योजना अगले वित्तवर्ष में भी जारी रहेगा।

रांची, राज्य ब्यूरो। Krishi Rin Mafi Yojana Jharkhand, Jharkhand Farmers Loan Waiver कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग कृषि ऋणमाफी योजना को अगले वित्तवर्ष में भी जारी रखेगा। सोमवार को कृषि बजट की तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक में इस बाबत स्पष्ट संकेत दिए गए। कृषि मंत्री बादल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि विभाग की तमाम चालू योजनाओं को अगले वित्तवर्ष में भी जारी रखने पर सहमति बनी।

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मंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा और जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर कुछ नई योजनाओं को शुरू करने के बाबत अधिकारियों से सुझाव भी मांगे। इस वित्तवर्ष किसानों की कर्ज माफी योजना के तहत बजट में 2000 करोड़ का प्रावधान कर कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई। किसानों के कर्ज को लेकर हुए आकलन में यह बात सामने आई कि किसानों पर करीब 5800 करोड़ का कर्ज है।

इतने बड़े कर्ज की वजह से तमाम किसान एनपीए के दायरे में भी आ चुके हैं। इसके आधार पर यह तय माना जा रहा था कि कर्जमाफी योजना को अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रखा जा सकता है। बैठक में कृषि सचिव अबु बकर सिद्दीक, संयुक्त सचिव सुनील कुमार सिन्हा, कृषि निदेशक निशा उरांव, पशुपालन निदेशक नैंसी सहाय, बागवानी निदेशक वरुण रंजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

आदिवासी छात्रों को ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज में पढऩे के लिए  छात्रवृत्ति देगी सरकार

राज्य के आदिवासी युवा अब मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड तथा कैम्ब्रिज जैसे बड़े विदेशी संस्थानों में शिक्षा पा सकेंगे। ऐसी छात्रवृत्ति योजना लागू करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है। इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से आदिवासी युवकों को 22 विषयों में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के अवसर प्राप्त होंगे।

राज्य सरकार का मानना है कि अलग झारखंड राज्य गठन के बाद भी झारखंड के लोगों को अपनी प्रतिभा निखारने का पर्याप्त अवसर नहीं मिल पाया। इसका मुख्य कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सीमित अवसर का होना है। अब इस योजना के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के 10 चयनित प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को प्रत्येक वर्ष विदेशों के चयनित उच्च शिक्षण संस्थानों में मास्टर डिग्री, एमफिल की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति की सहायता दी जाएगी। ये छात्र-छात्राएं मानव विज्ञान, कृषि, कला और संस्कृति, जलवायु परिवर्तन, अर्थशास्त्र, विधि, मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पर्यटन समेत कुल 22 विषयों में एक और दो वर्ष के पाठ्यक्रम या शोध के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।

इन्हें मिलेगा योजना का लाभ

मास्टर या एमफिल डिग्री के लिए अभ्यर्थी के पास न्यूनतम 55 फीसद अंकों के साथ स्नातक/ स्नातकोत्तर की डिग्री होनी अनिवार्य है। इसके अलावा संबंधित विषय में दो वर्ष का शिक्षण कार्य वांछनीय होगा। अनुभव वाले आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। उम्रसीमा 40 वर्ष तय की गई है। छात्रवृत्ति का लाभ पाने के लिए झारखंड राज्य का स्थानीय निवासी होना अनिवार्य है। आवेदक को इसके लिए जाति प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। योजना का लाभ ऐसे ही आवेदकों को मिलेगा जिनकी संपूर्ण पारिवारिक आय 12 लाख प्रति वर्ष से कम हो। आवेदन के साथ आयकर रिटर्न की प्रति उपलब्ध कराना अनिवार्य है। एक माता-पिता के एक से अधिक बच्चे योजना के पात्र नहीं होंगे। योजना अंतर्गत भारत सरकार या राज्य सरकार के मंत्री के बच्चे को इसका लाभ नहीं मिलेगा।

इन सुविधाओं का मिलेगा लाभ

चयनित छात्रों को शिक्षण शुल्क के अलावा पुस्तक, आवश्यक उपकरण, वार्षिक अनुरक्षण भत्ता, वीजा शुल्क, हवाई यात्रा खर्च, स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम आदि के लिए राशि मिलेगी। शिक्षण शुल्क का भुगतान संबंधित विश्वविद्यालय को एवं अन्य खर्च का भुगतान डीबीटी के माध्यम से छात्रों के बैंक एकाउंट में होगा।


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