हेमंत सरकार को मिला खाली खजाना, झारखंड के कोषागारों से निकासी बंद
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने की घोषणा की है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में खजाना खाली हुआ।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार के खजाने की हालत खस्ता है। स्थिति यह है कि राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित कोषागार से निकासी तकरीबन पूरी तरह से बंद हो गई है। खजाना की खराब हालत पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल में ही हुई। फिलहाल अति आवश्यक मामलों में वित्त विभाग की अनुमति से ही छोटी-मोटी निकासी हो रही है। बीते 24 दिसंबर से यह स्थिति बनी हुई है। संविदा पर नियुक्त कर्मियों का वेतन तो रुका ही पड़ा है, ठेकेदारों भी पूर्व में किए गए पेमेंट का भुगतान नहीं हो रहा है। गनीमत है कि कोषागारों में ताला नहीं लगा है, वे खुले हैं और कर्मचारी हाजिरी बजा रहे हैं।
ऐसा नहीं है कि सरकार इस स्थिति से अनजान है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही इस बात का खुलासा किया था कि राज्य की वित्तीय स्थिति अच्छी नहीं है। विधानसभा के विशेष सत्र में अपने संबोधन के दौरान मेें उन्होंने खजाने की खस्ता हालत और इस पर श्वेत पत्र लाने के सरकार के वादे को दोहराया था। कोषागार में पदस्थापित पदाधिकारियों की मानें तो सरकार के आदेश पर भुगतान की प्रक्रिया को रोका गया है। यह स्थिति नई नहीं है, चुनाव के बाद ऐसी स्थिति हर बार पैदा होती है।
क्या है जिलों की वस्तुस्थिति
पूर्वी सिंहभूम के जिला उप कोषागार पदाधिकारी नवनीत कुमार सिंह कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद मुख्य सचिव का आदेश आया था कि नई सरकार का गठन होने तक 24 दिसंबर से कांट्रेक्टर पेमेंट बंद कर दिया जाए। यह आदेश अभी तक प्रभावी है। उन्होंने यह भी कहा कि अमूमन हर चुनाव के बाद यह स्थिति होती है। वहीं, जामताड़ा जिला कोषागार पदाधिकारी रवि रोशन ने बताया कि कांट्रैक्ट पेमेंट पर रोक है अन्य सभी काम नियमित हो रहा है। लोहरदगा में भुगतान की प्रक्रिया मंद है।
जबकि पाकुड़ जिला कोषागार में 23 दिसंबर से ही सारा कामकाज बंद पड़ा हुआ है। हजारीबाग कोषागार में चेक से भुगतान पर रोक लगी है। सिविल वर्क के भुगतान पर पूरी तरह से रोक है। जामताड़ा जिला कोषागार पदाधिकारी रवि रोशन ने बताया कि कांट्रैक्ट पेमेंट पर रोक है अन्य सभी काम नियमित तौर पर हो रहे हैं। चाईबासा कोषागार में चेक से भुगतान पर रोक लगी है। चुनाव के समय से ही सभी तरह के सिविल वर्क के भुगतान पर रोक है। सरायकेला खरसावां जिले में भी चेक से भुगतान पर रोक लगी है। सिविल वर्क के भुगतान पर रोक है। साहिबगंज में केवल वेतन निकल रहा है।