सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति लेगी फैसला
अनुबंध कर्मियों और उनकी सेवा शर्तों में सुधार के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति अब आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों के संदर्भ में भी फैसला लेगी। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्तर से लिए गए इस निर्णय की जानकारी रविवार को मीडिया से साझा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। इनका तीन साल का सेवा काल समाप्त होने के बाद भी इन्हें विस्तार देने और मानदेय बढ़ाने का भरोसा दिलाया गया है।
राज्य ब्यूरो, रांची : अनुबंध कर्मियों और उनकी सेवा शर्तों में सुधार के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी समिति अब आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों के संदर्भ में भी फैसला लेगी। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के स्तर से लिए गए इस निर्णय की जानकारी रविवार को मीडिया से साझा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सहायक पुलिसकर्मियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। इनका तीन साल का सेवा काल समाप्त होने के बाद भी इन्हें विस्तार देने और मानदेय बढ़ाने का भरोसा दिलाया गया है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी सहायक पुलिसकर्मी हमारे अपने हैं और यही वजह है कि सरकार इनके साथ नरमी से पेश आ रही है। इसका यह मतलब कतई नहीं निकाला जाना चाहिए कि सरकार इनके आंदोलन से डर गई है। उन्होंने सहायक पुलिस कर्मियों को नसीहत दी कि वे किसी के हाथ का खिलौना न बनें। उन्हें बरगलाने वाले विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होते ही 22 सितंबर के बाद दिखाई नहीं देंगे। उनका इशारा विपक्ष के नेताओं की ओर था। ऐसे में बेहतर यही होगा कि वे राजनीति का शिकार न बनें।
इससे पूर्व रविवार को आंदोलनरत सहायक पुलिस कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मंत्री के आवास पहुंचा था। मंत्री ने उनकी मांगों को लेकर सरकार के स्तर से सहानुभूतिपूर्वक विचार का भरोसा दिलाया। हालांकि मंत्री से वार्ता के बाद भी सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन पर डटे हुए हैं। बताते चलें कि राज्य में सहायक पुलिसकर्मियों की संख्या तकरीबन 2500 है। अपनी मांगों को लेकर सभी रांची के मोरहाबादी मैदान में आंदोलनरत हैं।
-----------