CIP के मनोवैज्ञानिक डॉ निशांत गोयल बोले- तनावग्रस्त बच्चे पकड़ रहे गलत राह
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा झारखंड प्रौद्योगिकी विद्यालय में बच्चों एवं शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सी.आई.पी. कांके के मनो वैज्ञानिक डॉ निशांत गोयल ने कहा कि बच्चों को तनाव मुक्त करने के लिए तनाव के लक्षण को जानना बहुत जरूरी है।
रांची, जासं । राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा झारखंड प्रौद्योगिकी विद्यालय में बच्चों एवं शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सी.आई.पी. कांके के मनो वैज्ञानिक डॉ निशांत गोयल ने कहा कि बच्चों को तनाव मुक्त करने के लिए तनाव के लक्षण को पहचान करना और समाधान की प्रक्रिया को जानना बहुत जरूरी है। आज के समय मे 20 प्रतिशत बच्चे तनाव में जीवन जी रहे हैं। तनावग्रस्त बच्चों को गलत संगति जल्दी अपनी ओर आकर्षित करता है। इससे उबारने में माता-पिता और शिक्षक दोनों की जिम्मेदारी है।
बाल कल्याण संघ के सचिव संजय कुमार मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग बच्चों के सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर काफी संवेदनशील है।आयोग बच्चों में बढ़ रहे तनाव के कारण और निवारण की ओर मुख्य रूप से कार्य करना चाहता है इसी को ध्यान में रख कर झारखंड में पहला कार्यशाला किया जा रहा है। संयुक्त सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग गरिमा सिंह ने कहा कि आज के इस दौर में बच्चें भी तनाव में हैं। इन बच्चों को तनाव से निकलने में सिर्फ माता पिता ही नही बल्कि स्कूल शिक्षक का भी दायित्व बनता हैं। आप सभी बच्चों के भाव को बेहतर रूप से समझ सकते हैं साथ ही इसके विषय मे अभिभावकों को बेहतर रूप से बता सकते हैं कि इस तरह के मामलों में अभिभावक अपने बच्चों को कैसे समझा सकते हैं।
यूनिसेफ के प्रीति श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बच्चे अधिक तनाव में रहते हैं। इन इलाकों में बच्चों को तनाव मुक्त करने के लिए कार्य करने की जरुरत है। इन क्षेत्रों के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।