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पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बता सीआइडी ने की फोन टैपिंग, विशेष शाखा के इंस्पेक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Jharkhand Crime News. अवैध तरीके से फोन टैपिंग के मामले में रांची के डोरंडा थाने में विशेष शाखा के इंस्पेक्टर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2020 11:41 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2020 11:41 AM (IST)
पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बता सीआइडी ने की फोन टैपिंग, विशेष शाखा के इंस्पेक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
पुलिसकर्मियों को पशु तस्कर बता सीआइडी ने की फोन टैपिंग, विशेष शाखा के इंस्पेक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

रांची, राज्य ब्यूरो। रांची के डोरंडा थाने में विशेष शाखा के तत्कालीन इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला अवैध तरीके से फोन टैपिंग का है। इस संबंध में शिकायतकर्ता डीएसपी रंजीत लकड़ा के बयान पर डोरंडा थाना कांड संख्या 189/2020 में 18 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि आरोपित इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू ने राज्य के तीन पुलिसकॢमयों को पशु तस्कर बताकर उनका फोन टेप किया।

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इन पुलिसकॢमयों में सरायकेला-खरसांवा के तत्कालीन चौका थानेदार रतन कुमार, चुटिया थाने के रंजीत सिंह व सिपाही मोहम्मद इरफान शामिल हैं। डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। अब अनुसंधान में यह खुलासा होगा कि इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू किसके इशारे में अवैध तरीके से फोन टैपिंग कर रहे थे। इस कार्य में उनके साथ-साथ और किसकी मिलीभगत है।

गृह विभाग को दी थी गलत जानकारी

किसी भी फोन टैपिंग के पूर्व गृह विभाग को जानकारी देनी पड़ती है। सीआइडी के तत्कालीन एसपी मनोज रतन चोथे व तत्कालीन डीएसपी विनोद रवानी के हस्ताक्षर से गृह विभाग को यह जानकारी दी गई थी कि तीन पशु तस्करों की फोन टैपिंग करनी है। पशु तस्करों के रूप में तीनों पुलिसकॢमयों का फोन टैप किया।

एडीजी बनने के बाद अनिल पालटा ने कराई थी जांच

सीआइडी का एडीजी बनने के बाद अनिल पालटा को जानकारी मिली थी कि सीआइडी में अवैध तरीके से फोन टैपिंग होता था। इसके बाद डीजीपी एमवी राव के निर्देश पर एडीजी अनिल पाल्टा ने पूरे मामले की जांच कराई तो इसका खुलासा हुआ था। एडीजी ने पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग को यह रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट की समीक्षा के बाद ही आरोपित पुलिस पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी किया गया था। अब पुलिस अनुसंधान में इसका खुलासा होगा कि किसके इशारे पर अवैध तरीके से फोन टैपिंग होती थी।


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