चूरी भूमिगत खदान के मुहाने को रेत की बोरी से किया गया बंद
एनके एरिया की चूरी भूमिगत खदान में आग लगने के बाद सोमवार को खदान के सभी मुहानों को सील कर दिया गया है।
डकरा-खलारी : एनके एरिया की चूरी भूमिगत खदान में आग लगने के बाद सोमवार को खदान के सभी मुहानों को अस्थाई रूप से सील किया गया। खदान के मुहानों को रेत की बोरी से सील किया गया है। ज्ञात हो कि सीसीएल की एकमात्र भूमिगत खदान चूरी में 57 नंबर टेबल फेज टू में शुक्रवार को आग लग गई थी। आग धीरे-धीरे इतनी भड़क गई कि शनिवार की शाम खदान के एक किलोमीटर में अवस्थित पंखा घर से भारी मात्र में धुंआ निकलने लगा। रेस्क्यू टीम के दो दिनों के प्रयास के बाद भी जब आग पर काबू नहीं पाया जा सका, तो प्रबंधन ने मुख्यालय और डीजीएमएस को सूचना दी। डायरेक्टर टेक्निकल और डीजीएमएस ने खदान का निरीक्षण कर इसे सील करने का निर्देश दिया। इसके बाद सीसीएल के माइनिंग और सेफ्टी से जुड़े आलाधिकारियों की देखरेख में रेस्क्यू टीम ने खदान के सभी मुहानों को बोरी में बालू भर कर और दीवार देकर बंद कर दिया। ताकि, खदान के अंदर हवा प्रवेश नहीं करे। बताया जाता है कि जिस जगह आग लगी है वहा बोर पर नाइट्रोजन गैस खदान में डाला जाएगी, ताकि आग पर जल्द काबू पाया जा सके। माइनिंग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जिस तरह से आग भड़की है उसे बुझाने में 6 माह तक लग सकते हैं। इसके पूर्व 2009 में परियोजना के इंक्लाइन नंबर 3 में आग लगी थी। उस समय भी मुहाना बंद कर आग बुझाई गई थी। खदान सील करने के दौरान सीसीएल खान बचाव केंद्र के आरके सिन्हा, डीटी भोला सिंह, बासक चौधरी, आईसी मेहता, जीएम संजय कुमार, एमके राव, विनेश शर्मा, उपेंद्र सिंह, रत्नेश कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
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जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ हो कार्रवाई : सेफ्टी बोर्ड
आग लगने की सूचना के बाद सीसीएल सेफ्टी बोर्ड के सदस्य मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिए। सीसीएल सेफ्टी बोर्ड सदस्य रवींद्रनाथ सिंह ने कहा कि चूरी सीसीएल का पायलट प्रोजेक्ट है। इसमें 400 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए हैं। खदान में आग कैसे लगी इसकी जाच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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रेस्क्यू टीम ने किया गैस टेस्टिंग
आग पर काबू पाने के लिए रामगढ़ से रेस्क्यू टीम बुला ली गई है। रेस्क्यू टीम ने खदान के मुहाने पर गैस की टेस्टिंग की। टेस्टिंग की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। इधर, सीसीएल के वरीय अधिकारियों का चूरी खदान पहुंचने का सिलसिला जारी है।