सादगी से काम किया, सादगी से विदा हो गए मुख्य सचिव
राची झारखंड के मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी 34 वषरें की सेवा के बाद मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए। बुधवार नए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह पदभार ग्रहण करेंगे।
राची : झारखंड के मुख्य सचिव डा. डीके तिवारी 34 वषरें की सेवा के बाद मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गए। हमेशा तामझाम से दूर रहकर सादगी से काम करने वाले डा. डीके तिवारी की विदाई भी बहुत सादगी से हुई। मूलत: उत्तर प्रदेश के महोबा के डा. डीके तिवारी 1986 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने बिहार-झारखंड में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दी है। सेवा के अंतिम दिन लगभग आधा दर्जन प्रशासनिक अधिकारियों ने झारखंड मंत्रालय में एक सादे समारोह में उन्हें भावभीनी विदाई दी। उनके जीवन की एक नई पारी की शुभकामना दी और अच्छे स्वास्थ्य की मंगलकामना की। विदाई समारोह में सुखदेव सिंह, अरूण कुमार सिंह, एल ख्यागते, एपी सिंह, राजीव अरूण एक्का, शैलेश कुमार सिंह, नीतिन मदन कुलकर्णी, अजय कुमार सिंह, केके सोन, राहुल शर्मा, विनय कुमार चौबे, हिमानी पाडेय, आराधना पटनायक, पूजा सिंघल, के. रवि कुमार, सुनील कुमार, अमिताभ कौशल, अबु बक्कर सिद्दीकी, प्रवीण टोप्पो, प्रशात कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इधर राज्य के नए मुख्य सचिव सुखदेव सिंह बुधवार को प्रभार लेंगे। उनके मुख्य सचिव बनने से संबंधित अधिसूचना में एक अप्रैल की तिथि अंकित होने के कारण ऐसा होगा। तिथि अंकित नहीं होने की स्थिति में वे मंगलवार को ही प्रभाव ले सकते थे। दूसरी ओर, अपर मुख्य सचिव इंदु शेखर चतुर्वेदी से वन विभाग का प्रभार वापस लिया जा रहा है। चतुर्वेदी 1987 बैच के सबसे सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और नए मुख्य सचिव से वरीयता सूची में ऊपर भी हैं। ऐसे में उन्हें ऐसे किसी विभाग में नहीं रखा जा सकता है, जिसकी रिपोर्टिंग सीधे मुख्य सचिव के पास हो। अब चतुर्वेदी राजस्व परिषद के कायरें को ही देखेंगे। बता दें कि पिछले वर्ष उन्होंने दिल्ली वापस जाने का आग्रह सरकार से किया था, जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से अनापत्ति भी दे दी थी। अब उन्हें दिल्ली में पदस्थापन का इंतजार है।
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नए मुख्य सचिव को सराहा
विदाई समारोह में जुटे चंद लोगों को संबोधित करते हुए डॉ. डीके तिवारी ने कहा कि वे सेवा काल के दौरान अपने तमाम सहयोगियों से मिले। स्नेह और सहयोग को शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सेवा समाप्ति के अवसर पर सोचता हूं तो स्मृति की दीप शिखाएं जल उठती हैं। मैं उसमें खो जाता हूं। सब बयान नहीं कर सकता। जीवन के इस मोड़ पर (सेवानिवृत्ति के समय) परिस्थितिवश उनके परिजन राची में उनके साथ नहीं हैं, लेकिन सहयोगियों का अपनापन परिवार सरीखा ही है। कहा, रोजमर्रा के काम के दौरान कभी-कभी सहयोगियों से अप्रसन्न भी हुआ। गुस्सा भी जाहिर किया, लेकिन मेरे व्यक्तिगत संबंध हमेशा अच्छे रहे। विकास आयुक्त सुखदेव सिंह को अपना बेहतर उत्तराधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में प्रशासन को नई दिशा मिलेगी। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो गलत होता देख चुप नहीं रह सकते। वहीं वह किसी निरीह की मदद के लिए किसी भी हद तक जाने का माद्दा रखते हैं।
नए मुख्य सचिव बोले, कहानिया सुन डरा रहता था तिवारी सर से
डॉ. डीके तिवारी की विदाई के अवसर पर विकास आयुक्त सुखदेव सिंह ने भी स्मृतियों के पन्ने पलटे। उन्होंने कहा कि वह तिवारी सर के संबंध में दूसरों से कहानिया सुन-सुनकर डरे रहते थे। दिल-दिमाग पर उनकी कड़क इमेज बनी हुई थी। लेकिन गुमला में एक बार पूरे दिन एक साथ रहा, बातें की, तब जाना कि वे कितने सहज और सहृदय हैं। रूल, रेगुलेशन पर उनकी पकड़ का कायल पूरी प्रशासनिक बिरादरी थी। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति की तारीख तो उसी दिन तय हो जाती है, जब हम सेवा में आते हैं। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि उनका मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहेगा।
हमेशा प्रेरणा मिलती रही : अरूण कुमार सिंह
अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने कहा कि डॉ. डीके तिवारी से न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरी प्रशासनिक बिरादरी को हमेशा प्रेरणा मिलती रही है। उन्होंने उनके साथ अपने नजदीकी संबंधों को याद किया। कहा, देश-विदेश की जानकारी और किसी भी विषय पर डॉ. तिवारी की गहरी जानकारी उनसे बात करने को उकसाती रहती है। उन्हें हमेशा मदद को तैयार अधिकारी बताते हुए उन्होंने उनकी नई पारी की शुभकामना दी।
साप्ताहिक बैठक की अवधारणा प्रशासनिक सुधार के लिए अहम : एपी सिंह
प्रधान सचिव एपी सिंह ने डा. डीके तिवारी द्वारा मामलों के लीगल पक्ष पर हमेशा फोकस करने के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि इससे बहुत फायदा हुआ। वहीं तिवारी द्वारा वीकली मीटिंग का कंसेप्ट देने को प्रशासनिक सुधार जैसा बताया।