मुख्यमंत्री का निर्देश, गोवंशीय पशुओं को रोजाना भोजन के मद में अब 100 रुपये दें
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि तस्करी से जब्त गोवंशीय पशुओं के भोजनादि के मद में अब रोजाना सौ रुपये दें।
रांची, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि तस्करी से जब्त गोवंशीय पशुओं के भोजनादि मद में अब 100 रुपये की राशि रोजाना दी जाएगी। यह राशि दो साल तक के लिए मिलेगी। अभी छह माह के लिए ही राशि मिलती है। राज्य में कार्यरत पशु चिकित्सकों को सप्ताह में दो दिन स्थानीय गौशाला में जाकर जाच करने संबंधी निर्देश जारी करने को भी कहा गया। जाच के बाद चिकित्सकों को गौशाला के प्रबंधक से हस्ताक्षर कराना होगा। इसकी कॉपी मुख्यालय में मंगाना होगा।
गौशाला में उत्पादित होने वाली जैविक खाद भी सरकार खरीद लेगी। वे शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में गो सेवा आयोग की समीक्षात्मक बैठक में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गौशाला की भूमि से जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाएं।
साथ ही जो गौशाला निबंधन के लिए आ रही हैं, उन्हें एक दिन में ही निबंधित करें। सीमावर्ती क्षेत्रों में गो तस्करी पर कड़ाई रखें। बैठक में बताया गया कि अभी राज्य में 21 गौशाला निबंधित हैं। पिछले वर्ष तस्करी से जब्त 3809 पशुओं के लिए 3.33 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।
गो सेवा आयोग के सदस्यों ने सरकार की पहल की सराहना करते हुए कहा कि जहा पहले प्रतिदिन 20 रुपये मिलते थे, वहीं सरकार ने पहले 50 और आज 100 रुपये कर दिए। प्रशासनिक सहयोग में भी झारखंड सरकार की भूमिका सकारात्मक है।
बैठक में कृषि मंत्री रणधीर सिंह, गृह विभाग के प्रधान सचिव एसकेजी रहाटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, कृषि सचिव पूजा सिंघल, गौशाला संघ के प्रदेश महामंत्री अनिल मोदी, रमाकांत गुप्ता, ताराचंद जैन, प्रमोद सारस्वत, कन्हैया लाल कन्नू, जगदीश अग्रवाल, ज्योति बजाज, ध्रुव सोंथालिया, राम रतन महर्षि, इंद्र कुमार पसरी, सत्येंद्र पाडेय समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
गोचर जमीन से अतिक्रमण हटाएं
मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड की बैठक हुई। इसमें गोचर जमीन पर अतिक्रमण हटाने और घेराबंदी का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सकों की जिम्मेदारी तय करते हुए उसे कड़ाई से लागू करने को कहा। हर प्रमंडल में दो-दो पशु एंबुलेंस खरीदे जाएं। बैठक में बताया गया कि एसपीसीए भंग करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।