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Jharkhand News: संकट में हेमंत सोरेन की सदस्यता, चुनाव आयोग में गुरुवार को सुनवाई, खनन लीज मामला

Hemant Soren News मुख्यमंत्री और खान विभाग के मंत्री रहते अपने नाम से खनन लीज आवंटित करा लेने संबंधित मामले में भारत निर्वाचन आयोग गुरुवार को सुनवाई करेगा। इस सुनवाई से यह तय होनी है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्या बचेगी या रद होगी।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 17 Aug 2022 09:47 PM (IST)Updated: Wed, 17 Aug 2022 09:49 PM (IST)
Jharkhand News: संकट में हेमंत सोरेन की सदस्यता, चुनाव आयोग में गुरुवार को सुनवाई, खनन लीज मामला
Hemant Soren News: हेमंत सोरेन खनन लीज मामले में गुरुवार को चुनाव आयोग में सुनवाई।

रांची, राज्य ब्यूरो। Chief Minister Jharkhand मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने के मामले में गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग में सुनवाई होनी है। पिछली सुनवाई के दौरान आयोग ने सभी पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। उम्मीद है कि गुरुवार को दोनों पक्षों की ओर से लिखित बहस दाखिल की जाएगी। 12 अगस्त को हेमंत सोरेन की ओर से बहस पूरी कर ली गई। इसके बाद भाजपा की ओर से उनकी बहस का जवाब दिया गया। सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने आयोग को बताया कि इस मामले में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 ए नहीं लागू होगी, जिसमें सदस्यता समाप्त किए जाने की बात कही गई है। उनकी ओर से दो घंटे तक बहस की गई। जिसके भाजपा की ओर से वरीय अधिवक्ता मनिंदर सिंह और कुमार हर्ष ने इसके जवाब में कहा कि इस मामले में हेमंत सोरेन स्वयं आवंटित करने वाले भी हैं और लीज लेने वाले भी। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। इन्होंने भ्रष्ट आचरण अपनाया है। इसमें जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9 ए के तहत मामला बनता है। बता दें कि भाजपा ने राज्यपाल के यहां हेमंत सोरेन की इस संबंध में शिकायत की थी। जिसके बाद चुनाव आयोग ने मई में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता को जनप्रतिनिधित्व की धारा 9 ए के तहत नोटिस जारी किया था।

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था खुलासा

मालूम हो कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने नाम से खनन लीज लिया है। संबंधित विभाग का मंत्री होते हुए ऐसा करना जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन है। उन्होंने राज्यपाल रमेश बैस और चुनाव आयोग से हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद करने की मांग की थी। इसी मामले को लेकर शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर रखी है। चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। इसी बीच भाजपा भी चुनाव आयोग में पहुंच गई थी। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की सुनवाई की। बहस दोनों पक्षों की पूरी हो चुकी है। अब फैसला आने की प्रतीक्षा है।

अगर दोष साबित हुआ तो सदस्यता होगी रद

गुरुवार को दोनों पक्षों की ओर से लिखित बहस दाखिल करना है। संभव है कि चुनाव आयोग इसके बाद कोई फैसला सुनाए या फैसला सुरक्षित रखकर नई तारीख की घोषणा कर दे। यह सुनवाई इसलिए अहम मानी जा रही कि हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता का सवाल है। अगर निर्वाचन आयोग उन्हें अयोग्य ठहरा देता है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में उनकी सरकार के लिए संकट खड़ा हो सकता है। मालूम हो कि हेमंत सोरेन पर इसके अलावा भी कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं। उन पर शेल कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग का भी आरोप है। इन मामलों की जांच ईडी कर रही है। उनके बेहद करीबी विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद इस समय जेल में हैं। इतना ही नहीं पंकज मिश्रा के काले कारोबार में सहयोगी बच्चू यादव भी गिरफ्तार हो चुका है। वहीं, दाहू यादव की गिरफ्तारी की कवायद चल रही है। फिलहाल वह फरार है।


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