मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनाएगी हेमंत सरकार
रांची दिल्ली से रेस्क्यू कराकर हवाई मार्ग से रांची लाई गई मानव तस्करी की शिकार 45 बच्चियों से शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की। उन्होंने बच्चियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
रांची : दिल्ली से रेस्क्यू कराकर हवाई मार्ग से रांची लाई गई मानव तस्करी की शिकार 45 बच्चियों से शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुलाकात की। उन्होंने बच्चियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। एक बच्ची जो नौवीं कक्षा की छात्रा है, उसकी पढ़ाई का खर्च वहन करने की जिम्मेदारी भी ली। उस बच्ची की पढ़ाई का खर्च राजमहल के सांसद भी वहन करेंगे।
बच्चियों को सम्मानित करते वक्त मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का यह संकल्प है कि मानव तस्करी की शिकार बच्चियों को हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि गरीबी उम्र नहीं देखती। गरीब का जीवन जन्म से ही संघर्षशील होता है। इसी क्रम में राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्र में निवास करने वाले बच्चे व बच्चियां मानव तस्करी की शिकार हो जाते हैं और देश के विभिन्न राज्यों में उन्हें काम पर लगा दिया जाता है। वहां उन्हें अपनी इच्छा के विपरीत कार्य करना पड़ता है। ऐसी बच्चियों पर राज्य की कई संस्थाएं व अन्य माध्यम नजर रखते हैं और समय-समय पर उन्हें रेस्क्यू किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में कार्य होगा। बच्चियों की इच्छा के अनुरूप सरकार निर्णय लेगी। वयस्क होने तक सभी बच्चियों को प्रतिमाह दो हजार रुपये दिए जाएंगे। वयस्क को रोजगार से जोड़ने का कार्य होगा। उनकी जिदगी का नया सफर प्रारंभ होगा। सरकार सदैव बच्चियों के साथ है।
सम्मान समारोह में सांसद विजय हांसदा, विधायक मथुरा महतो, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अविनाश कुमार, सचिव पूजा सिघल, डीके सक्सेना व विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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रेस्क्यू कराई गई बच्चियों को दिलाया जा रहा रोजगार :
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की बच्चियां अन्य राज्यों में जाकर दाई व आया का काम करती हैं, जो पीड़ादायक है। सरकार इसको लेकर चितित है। सरकार ने इसपर संज्ञान लिया है। राज्य की बच्चियों को नर्स का प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें हुनरमंद बनाकर रोजगार से जोड़ा गया है। इससे उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा। वे देश के बड़े अस्पतालों में बतौर नर्स मानव सेवा कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने बच्चियों को आश्वस्त किया कि उन्हें चितित होने की आवश्यकता नहीं। उनका बड़ा भाई राज्य की देखरेख में लगा है। झारखंड महिला सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर है।
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