बिना अनुमति के थाईलैंड और स्विटजरलैंड घूम आए मुख्य अभियंता
Foreign Tour. लोकायुक्त से दो वर्ष बाद शिकायत में खुलासा हुआ लेकिन विभाग में चुप्पी बरकरार है। निगरानी ब्यूरो ने भवन प्रमंडल के मुख्य अभियंता को दोषी माना है।
रांची, [आशीष झा]। भवन प्रमंडल के अभियंता प्रमुख अरविंद सिंह पर आरोप है कि उन्होंने सरकार की अनुमति के बगैर विदेश की यात्राएं कीं। उनके थाईलैंड और स्विटरजरलैंड जाने की जानकारी सरकार को तब मिली जब मामले में 2013-14 में लोकायुक्त के पास शिकायत की गई। खुद को फंसता देख उन्होंने लोकायुक्त के समक्ष विदेश यात्राएं करने की बात स्वीकार की लेकिन कार्रवाई लगभग पांच वर्ष बाद भी नहीं हुई। अभियंता खुद के खर्च पर विदेश गए थे लेकिन सरकारी सेवकों के लिए बिना अनुमति के विदेश जाना अनुशासनहीनता के दायरे में आता है और इसलिए उनके खिलाफ हुई शिकायत में दम है।
सूत्रों की मानें तो लोकायुक्त ने उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देकर केस को फाइनल कर दिया था। एक बार फिर शिकायत के उपरांत जब लोकायुक्त कार्यालय से जानकारी मांगी गई तो वहां से बताया गया कि संचिका अस्त हो गया है, अर्थात शिकायत का निपटारा कर दिया गया है। लेकिन फैसले को लेकर स्पष्टता विभाग में नहीं है। इससे संबंधित विभागीय संचिका में भी लोकायुक्त के फैसले से संबंधित अधूरी सूचना है। इस बीच, निगरानी ब्यूरो ने अभियंता प्रमुख को दोषी मानते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की है।
इस मामले में अभियंता प्रमुख ने कारण बताओ नोटिस का जवाब भी दे दिया है जिसके अनुसार मामला खत्म हो चुका है। उनके जवाब में भी लोकायुक्त कार्यालय के फैसले का विस्तृत जिक्र नहीं है। उन्होंने अपने जवाब में यह भी कहा है कि जब भी उनकी प्रोन्नति की बात सामने आती है, कुछ लोग शिकायत कर इसे रूकवाने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। उन्होंने लोकायुक्त कार्यालय द्वारा संचिका अस्त करने की बात को प्राथमिकता देते हुए विभाग से विचार करने का आग्रह किया है। कार्मिक विभाग के सूत्रों के अनुसार बिना यात्रा के विदेश भ्रमण अनुशासनहीनता के दायरे में आता है और इस मामले में विभागीय कार्यवाही चलनी चाहिए। अगर किसी ने यह बात स्वीकार कर ली है तो भी प्रोसीडिंग चलेगी।
लोकायुक्त ने क्या कहा है आदेश में
अरविंद कुमार सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने संबंधी आरोप सत्य नहीं है। जहां तक आरोपित लोकसेवक के द्वारा सरकार की अनुमति के बगैर विदेश भ्रमण का प्रश्न है, आरोपित लोकसेवक ने स्वयं इसे स्वीकार किया है। निगरानी ब्यूरो द्वारा लोकसेवक के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को लिखा गया है और इस संबंध में संबंधित विभाग उचित कार्रवाई करने को स्वतंत्र है।