Jharkhand News: मनी लांड्रिंग में नगेंद्र मोहन सिंह पर आरोप गठित... तोड़फोड़ के आरोपित पूर्व मंत्री योगेंद्र साव बरी... पढ़िए, क्या है पूरा मामला
Jharkhand Politics एनसीपी विधायक कमलेश सिंह के दामाद नगेंद्र मोहन सिंह बुधवार को ईडी कोर्ट में पेश हुए। मनी लांड्रिंग मामले में अब अभियोजन की ओर से पेश होगा गवाह। उधर आम्रपाली परियोजना में तोड़फोड़ के आरोपित पूर्व मंत्री योगेंद्र साव बरी कर दिए गए हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। मनी लांड्रिग के आरोपित में हुसैनाबाद विधायक कमलेश सिंह के दामाद नगेंद्र मोहन सिंह की मुश्किलें बढ़ गई है। ईडी की विशेष अदालत ने नगेंद्र मोहन सिंह के खिलाफ आरोप गठित कर दिया है। 18 जून को कमलेश सिंह के बेटे सूर्य सोनम सिंह एवं बेटी अंकिता सिंह के खिलाफ ईडी कोर्ट ने आरोप गठित किया था। उस दिन आरोपित नगेंद्र मोहन सिंह अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए थे। इसके बाद उन्हें अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया था।
अदालत ने आरोपों से संबंधित सवाल पूछा
नगेंद्र मोहन सिंह के अदालत में उपस्थित होने के बाद उनपर आरोप गठित किया गया। इस दौरान अदालत ने उसके ऊपर लगे आरोपों से संबंधित सवाल पूछा। जिसे उन्होंने इंकार किया। कहा कि वे मामले में निर्दोष हैं। मामले में अब वे आगे ट्रायल फेस करेंगे। अब मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से तीनों के खिलाफ गवाह प्रस्तुत किया जाएगा। इसके लिए अदालत ने पांच जुलाई की तिथि निर्धारित की है। 12 साल बाद कमलेश सिंह के बेटे सूर्य सोनल सिंह, बेटी अंकिता सिंह एवं दामाद आरोप गठित किया गया।
10 अक्टूबर 2009 को दर्ज हुआ था मुकदमा
बता दें कि कमलेश सिंह उनकी पत्नी मधु सिंह, उनके बेटे, बेटी एवं दामाद पर 5.83 करोड़ रुपये का मनी लांड्रिंग करने का आरोप है। ईडी ने 10 अक्टूबर 2009 को मुकदमा दर्ज किया था। जांच में इन लोगों का नाम आया था।
साक्ष्य के अभाव में अदालत ने योगेंद्र साव को किया बरी
उधर, रांची के अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने चतरा के आम्रपाली कोल परियोजना में तोड़फोड़ एवं मारपीट करने के एक मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित चार को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सुनवाई के दौरान योगेद्र साव के वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। जबकि अन्य तीन आरोपित आशुतोष मिश्रा, महेश प्रसाद साहू एवं विनोद बिहारी पासवान व्यक्तिगत रूप से अदालत में मौजूद थे। घटना को लेकर आम्रपाली परियोजना के वरीय सुरक्षा निरीक्षक चक्रपाणि घोष ने 25 जून 2015 को टंडवा थाना में प्राथमिक दर्ज कराई थी।
गवाही के दौरान सूचक ही बयान से मुकर गया
मामले में गवाही के दौरान सूचक चक्रपाणि घोष पूर्व के बयान से मुकर गया। मामले में सिर्फ एक गवाही हुई थी। जिसका लाभ आरोपितों को मिला। बता दें कि योगेंद्र साव अपने 100 से अधिक समर्थकों के साथ 18 जून 2015 को आम्रपाली परियोजना पहुंचे। पारंपरिक हथियारों से लैस लोगों ने आम्रपाली परियोजना के खदान में जबरदस्ती घुस कर गाड़ियों को तोड़ किया। कर्मियों के साथ मारपीट की। योगेंद्र साव ने बोला कि जब तक सीसीएल एक निश्चित रकम मुझे एवं पचरा गांव के लोगों को नहीं देता है, तब तक आम्रपाली बंद रहेगा। बंदी के कारण दो दिनों तक कोयला उत्पादन बंद रहा। इसी मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।