Move to Jagran APP

Jharkhand: बेकार बोतल फूंक रहे पौधों में जान, चाईबासा के शिक्षक की जुगत आई काम

Jharkhand Chaibasa News शिक्षक तरुण गोराई ने कहा कि लोग पीने के बाद पानी का बोतल फेंक देते हैं। जगह-जगह वह फेंका हुआ दिखाई देता है। प्लास्टिक का बोतल जल्दी गलता भी नहीं है। यह जमीन को बेकार कर देता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 01:26 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 06:35 AM (IST)
Jharkhand: बेकार बोतल फूंक रहे पौधों में जान, चाईबासा के शिक्षक की जुगत आई काम
बेकार बोतल से इस तरह से पौधों को पानी दिया जा रहा है।

चाईबासा, जासं। पर्यावरण सुरक्षा के साथ पौधों को बचाने का नायाब तरीका एक शिक्षक ने ईजाद किया है। मंझारी प्रखंड के राजाबासा गांव में एक शिक्षक ने बेकार हो चुके हजारों पानी की बोतलों को काट कर उसे टपक विधि से पौधों में पानी देने का एक तरीका खोज निकाला है। इससे पौधे को हर समय जरूरत के हिसाब से पानी मिलता रहता है। इसका फायदा भी दिखाई देने लगा है। लगातार पानी मिलने से पौधे तेजी से बढ़ भी रहे हैं।

loksabha election banner

इस संबंध में शिक्षक तरुण गोराई ने कहा कि लोग पानी पीने के बाद बोतल फेंक देते हैं। जगह-जगह बोतल फेंका हुआ दिखाई देता है। प्लास्टिक का बोतल जल्दी गलता भी नहीं है, साथ ही यह जमीन को बेकार भी बना देता है। इस पर हमने एक प्‍लान बनाया। इसमें बेकार प्लास्टिक की बोतलों को जमा किए। उन बोतलों के पेंदा को काटकर थोड़ा छोड़ दिया।

इसके बाद उसे उलटा कर ढ़क्कन को थोड़ा खोल दिए। इससे पानी बहुत कम मात्रा में लगातार टपक कर गिरती है। एक बोतल में पानी सुबह में डालने पर वह दिन भर एक-एक बूंद के हिसाब से गिरता रहता है। किसी पौधे के सामने एक लकड़ी गाड़ कर उसमें बोतल को बांध देते हैं। बोतल से पानी लगातार उस पौधा को दिन भर मिलता रहता है। साथ ही पानी की बर्बादी भी नहीं होती है।

उन्होंने कहा कि पौधे में एक बार जितना भी पानी डालें, कुछ देर में सब सूख जाता है। जबकि एक बोतल पानी लगातार पौधों को पानी भी देता रहता है और पानी की बर्बादी भी नहीं होती है। एक प्रयोग के तहत 2000 सहजन का पौधा लगा कर उसमें टपक विधि से बोतल बांध दिए हैं। इसका फायदा भी दिख रहा है। पौधा लगातार बढ़ने लगा है।

प्लास्टिक की बेकार बोतलों से लिया जा रहा काम

शिक्षक तरुण गोराई ने कहा कि प्लास्टिक की बेकार बोतलों को जमा कर उनसे काम लिया जा रहा है। इससे पर्यावरण की सुरक्षा भी होगी और एग्रिकल्चर प्रेमियों को फायदा भी मिलेगा। बेकार बोतलें हर जगह उपलब्ध हैं। बस उसे जमा करने में कुछ मेहनत लगता है। उस बेकार बोतलों से बड़ा काम लिया जा सकता है। इसलिए इसका शुरुआत किए हैं। चाईबासा-भरभरिया मुख्य सड़क के किनारे इतने सारे बोतलों को उलटा लटका देख कर कई लोग कौतूहलवश रुक जाते हैं। यह एक छोटा सा प्रयास है। दूसरे लोग भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। खास कर गर्मी के दिनों में पौधों को पानी देने का यह अच्छा तरीका है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.