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Central University of Jharkhand: टाटा स्टील फाउंडेशन ने सीयूजे के छात्रों को संवाद फेलोशिप से कराया अवगत, क्या है ये Fellowship?

Central University of Jharkhand सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड के जनसंचार विभाग में टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले संवाद फेलोशिप से छात्रों को अवगत कराया गया। संवाद फेलोशिप को 2017 से संवाद के अंतर्गत लाया गया है। इस फेलोशिप के बारे में जानिए...

By kumar GauravEdited By: Sanjay KumarPublished: Fri, 30 Sep 2022 03:13 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 03:14 PM (IST)
Central University of Jharkhand: टाटा स्टील फाउंडेशन ने सीयूजे के छात्रों को संवाद फेलोशिप से कराया अवगत, क्या है ये Fellowship?
Central University of Jharkhand: टाटा स्टील फाउंडेशन ने सीयूजे के छात्रों को संवाद फेलोशिप से कराया अवगत।

रांची, जासं। Central University of Jharkhand सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड के जनसंचार विभाग में टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले संवाद फेलोशिप से विश्वविद्यालय के छात्रों को अवगत कराया गया। संवाद फेलोशिप के माध्यम से टाटा स्टील जनजातीय संस्कृति के संरक्षण में अपना योगदान देती है। इस फेलोशिप के माध्यम से टाटा स्टील विभिन्न जनजाति के लोगों को अपनी विलुप्त होती भाषा, संस्कृति, कला, अनुष्ठान, रीति-रिवाज के संरक्षण का अवसर प्रदान करती है। कार्यक्रम में टाटा स्टील के नीरज चौधरी, अंशु सिंह के साथ संवाद फेलोशिप जूरी की सदस्य डा मीनाक्षी मुंडा मौजूद थीं।

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कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के प्रो देवव्रत सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। डा अमृत कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। सीयूजे के शोधार्थी विभांशु कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस दौरान विभाग के सहायक आचार्य डा सुदर्शन यादव एवं विभिन्न विभाग के विद्यार्थी एवं शोधार्थी मौजूद थे।

संवाद फेलोशिप को 2017 से संवाद के अंतर्गत लाया गया

संवाद फेलोशिप को 2017 से संवाद के अंतर्गत लाया गया है। जिससे अब तक देश के 13 राज्यों के 27 जनजातियों के 30 लोग जुड़ चुके हैं। इस फेलोशिप के माध्यम से जनजातीय लोक गीत, खान-पान के संरक्षण से लेकर गड़िया-लोहार जनजाति के औजार निर्माण में महिलाओं की भूमिका जैसे विषयों पर कार्य किए जा रहे हैं।

टाटा स्टील फाउंडेशन के इस फेलोशिप के लिए किसी भी जनजाति के 18-40 वर्ष के लोग आवेदन कर सकते हैं। फेलोशिप में चयन के लिए फाउंडेशन द्वारा प्रस्ताव आमंत्रित किए जाते हैं। प्रस्ताव मिलने के बाद एक विशेष टीम द्वारा इसकी स्क्रूटिनी की जाती है। सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव को जूरी के पास भेजा जाता है। चयनित अभ्यर्थियों को संवाद के 4 दिवसीय कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है। वहीं जूरी अपना फैसला सुनाती है। जिसके बाद फेलोशिप के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है। इस वर्ष संवाद फेलोशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 अक्टूबर है। फेलोशिप के लिए चयनित अभ्यर्थियों की जानकारी 19 नवंबर को दी जाएगी।

बता दें कि संवाद एक अखिल भारतीय जनजातीय सम्मेलन है। जिसे टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष 15-19 नवंबर को जमशेदपुर में आयोजित किया जाता है। यह पूरे देश में जनजातीय समुदायों के विचारों के आदान-प्रदान का एक मंच है।

मिलती हैं नई नई जानकारियां: कुलपति

सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्र छात्राओं के साथ साथ शोधार्थियों को भी नई नई जानकारियां मिलती हैं। संवाद फेलोशिप के लिए सीयूजे ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। अब तक देश के 13 राज्यों के 27 जनजातियों के 30 लोग जुड़ चुके हैं। फेलोशिप के माध्यम से जनजातीय लोक गीत, खान-पान के संरक्षण से लेकर गड़िया-लोहार जनजाति के औजार निर्माण में महिलाओं की भूमिका जैसे विषयों पर कार्य किए जा रहे हैं। जो बदलते समाज के लिए बहुत जरुरी है।


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