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Big Relief: मोदी सरकार ने दी राहत... तो छड़, गिट्टी, सीमेंट समेत लौह उत्पाद हुआ सस्ता

Jharkhand News केंद्र सरकार ने अब लोहे और इससे संबंधित उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करने में सफलता पाई है। केंद्र सरकार के फैसले का झारखंड के स्टील उद्योगों पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है। निर्माण उद्योग को खास तौर पर फौरी राहत मिली है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 01:45 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 02:02 PM (IST)
Big Relief: मोदी सरकार ने दी राहत... तो छड़, गिट्टी, सीमेंट समेत लौह उत्पाद हुआ सस्ता
Jharkhand News: केंद्र सरकार की घोषणा का असर, कम होने लगीं लौह उत्पादों की कीमतें

रांची, राज्य ब्यूराे। Jharkhand News गेहूं के निर्यात को रोककर इसकी बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के बाद केंद्र सरकार ने अब लोहे और इससे संबंधित उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करने में सफलता पाई है। लौह उत्पादों पर एक्सपोर्ट डयूटी लगाकर यह सुनिश्चित कर दिया गया है कि इसे दूसरे देशों में बेचने की कोशिश कम से कम होगी। केंद्र सरकार के फैसले का झारखंड के स्टील उद्योगों पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है। इस फैसले से यह सुनिश्चित कर लिया गया है कि अब घरेलू बाजार में लौह उत्पादों की प्रचुर उपलब्धता होगी और इसके साथ ही पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रही लौह उत्पादों की कीमतों में गिरावट दर्ज होगी।

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घरेलू बाजार में घोषणा के अगले ही दिन सोमवार को असर देखने को मिला और स्पंज आयरन में 2500 रुपये प्रति टन तक की कमी आई। इसी प्रकार आयरन पिलेट की कीमतों में 4000 रुपये प्रति टन तक की कमी दर्ज की गई है। इससे निर्माण उद्योग को खास तौर पर फौरी राहत मिली है।

स्टील की बढ़ती कीमतों के कारण केंद्र और राज्य सरकार की कई परियोजनाएं धीमी रफ्तार से चल रही थीं जिन्हें अब जाकर रफ्तार मिलेगी। आवासीय परियोजनाओं में लगनेवाली छड़ों की कीमतें भी जल्द कम होंगीं।

गिरावटी कुछ दिनों तक जारी रहेगी: सूत्र

उद्योग जगत के सूत्रों के अनुसार कीमतों में यह गिरावटी कुछ दिनों तक जारी रहेगी। इसके पूर्व ही फेरो एलाय जैसे सिलिकान, मैगनीज आदि की कीमतों में एक माह से लगातार कमी देखी जा रही है और यह अंतर बढ़ता भी जा रहा है। इसमें 20,000 रुपये प्रति टन तक की कमी आई है। इस कारण से विभिन्न ब्रांडों के सरिया के कीमतों में कमी देखने को मिलेगी। कारोबार जगत में इसका असर चंद दिनों में दिखने लगेगा। सूत्रों के अनुसार तैयार स्टील की कीमतों में आठ से दस हजार रुपये प्रति टन की कमी आ सकती है।

निर्माण उद्योग को बड़ी राहत

केंद्र सरकार के फैसले के लागू होने के चंद घंटों के बाद ही घरेलू बाजार में कीमतें नियंत्रित होने लगी हैं। बड़े अपार्टमेंट से लेकर पुल निर्माण तक का कार्य प्रभावित हो रहा था, जिसपर नियंत्रण पा लिया गया है। सरकारी योजनाओं को लेकर भी कंपनियां टेंडर दर में संशोधन की मांग कर रही थीं। लगातार बढ़ती कीमतों के कारण जिस दर पर टेंडर लिया गया था उससे स्टील की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी पिछले छह माह में हो चुकी थी।


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