हजारों शिक्षा कर्मियों को मानदेय देने से केंद्र सरकार ने किया इन्कार Ranchi News
Jharkhand. केंद्र सरकार के इन्कार के बाद राज्य के खजाने पर 118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इससे 11026 पारा शिक्षक 240 सीआरपी 100 लेखापाल प्रभावित हो रहे हैं।
रांची, [नीरज अम्बष्ठ]। केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हजारों शिक्षा कर्मियों व अन्य कर्मियों का मानदेय देने से इन्कार कर दिया है। अभियान के बजट में इनके मानदेय की राशि स्वीकृत नहीं हुई। इनमें 11,026 पारा शिक्षक, 240 सीआरपी, 100 लेखापाल शामिल हैं। इन शिक्षा कर्मियों के लिए मानदेय स्वीकृत नहीं होने से राज्य सरकार की परेशानी बढ़ गई है। अभी तक इन शिक्षा कर्मियों के मानदेय का भुगतान समग्र शिक्षा अभियान के बजट से किया जाता रहा है।
राज्य सरकार ने इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष में 66,379 पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए 1133.75 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र को दिया था। केंद्र ने इसके विरुद्ध 55,553 पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए ही राशि स्वीकृत की। इस तरह 11,026 पारा शिक्षकों के मानदेय के लिए राशि स्वीकृत नहीं हुई। इनके मानदेय पर चालू वित्तीय वर्ष में 187.38 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। पारा शिक्षकों के मामले में केंद्र ने इस बात को भी आधार बनाया है कि राज्य में प्राथमिक शिक्षकों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं।
इसी तरह, केंद्र ने 240 संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) के मानदेय की स्वीकृति नहीं दी। राज्य सरकार ने 2,529 सीआरपी के मानदेय के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसमें 2,289 के लिए ही मानदेय की स्वीकृति मिली। इससे राज्य सरकार को 7.43 करोड़ रुपये कम मिले। इस बार केंद्र सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत 178 लेखापालों के विरुद्ध 78 लेखापालों के मानदेय की ही स्वीकृति दी। वहीं, 100 लेखापालों का मानदेय बजट में स्वीकृत नहीं हुआ। इससे राज्य को 1.92 करोड़ रुपये अपनी ओर से ही वहन करना पड़ेगा।
इस तरह, तीनों श्रेणी के शिक्षा कर्मियों के लिए कुल 196.74 करोड़ रुपये का मानदेय स्वीकृत नहीं हुआ। चूंकि अभियान के बजट में 60 फीसद राशि केंद्र सरकार देती है तथा 40 फीसद राशि राज्य सरकार को वहन करना पड़ता है। 196.73 करोड़ रुपये के मानदेय में केंद्र का हिस्सा नहीं मिलने पर 60 फीसद राशि अर्थात लगभग 118 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ राज्य सरकार के खजाने पर पड़ेगा। बता दें कि पिछले वर्ष भी केंद्र सरकार ने 20 हजार पारा शिक्षकों का मानदेय स्वीकृत नहीं किया था।
राज्य सरकार करेगी क्षतिपूर्ति
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने मानदेय कम मिलने का मामला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में रखा था। उसमें तय हुआ कि पारा शिक्षक एवं संकुल साधन सेवियों के मानदेय के मामले में होनेवाले आवश्यक व्यय की पूर्ति के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया जाए। इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा।
अब तीन स्कूलों पर होगा एक लेखापाल
कस्तूरबा स्कूलों में लेखापालों के मामले में तय हुआ कि इनका पद आवश्यकतानुसार निर्धारित किया जाए। तीन कस्तूरबा स्कूलों पर एक लेखापाल का पद रखा जाए। यह भी तय हुआ कि इनके मानदेय मद में जितनी कम राशि की स्वीकृति मिली है, उक्त राशि का भुगतान अन्य मद से किया जाए। साथ ही आवश्यकता से अधिक लेखापालों को दूसरे विभागों में समायोजित किया जाए। लेखापाल इसका विरोध कर रहे हैं।
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