7.25 करोड़ की सरकारी राशि के दुरुपयोग मामले की जांच करेगी केंद्रीय एजेंसी
सामाजिक कार्यकर्ता विनय जोशी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस संस्था की शिकायत की थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। द. छोटानागपुर कैथोलिक मिशन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड के माध्यम से 7.25 करोड़ की सरकारी राशि दुरुपयोग मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी करेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसकी स्वीकृति दे दी है, लेकिन कौन सी एजेंसी इसकी जांच करेगी, इसकी घोषणा अभी नहीं हुई है। पूरा मामला बिना अनुमति के सहकारिता विभाग से दी गई सरकारी राशि सात करोड़ 25 लाख रुपये को म्यूचुअल फंड में निवेश से संबंधित है।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता विनय जोशी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर इस संस्था की शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि इस संस्था ने विदेशी फंड का दुरुपयोग किया है, इसकी जांच केंद्रीय एजेंसी से करवाई जाए। इस पर मंत्रालय की सहमति मिल गई है। पूर्व में मुख्यमंत्री से भी इस मामले में शिकायत की गई थी, जिसकी जांच जारी है।
जानिए, क्या थी शिकायत
पुरुलिया रोड स्थित दी छोटानागपुर कैथोलिक मिशन को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड में कार्डिनल तेलोस्फोर पी. टोप्पो आर्च बिशप सह समिति के पदेन अध्यक्ष हैं। उन्होंने फादर इमानुएल बाखला को इस संस्था का निदेशक नियुक्त किया। निदेशक पद पर कार्यरत रहने के दौरान फादर इमानुएल बाखला ने विभिन्न कंपनियों के म्यूचुअल फंड में 07 जुलाई 2008 से 09 जुलाई 2010 तक बिना विभागीय अनुमति के 07 करोड़ 25 लाख रुपये का निवेश किया। यह सहकारिता विभाग की सरकारी राशि थी। म्यूचुअल फंडों में निवेश की गई राशि का मूल्य 17 अक्टूबर 2011 को घटकर केवल 06 करोड़ 28 लाख 84 हजार 563 रुपये 74 पैसे रह गए थे।
निदेशक फादर इमानुएल बाखला ने बिना प्रबंधन समिति की स्वीकृति के अनियमित ढंग से अपने स्तर से दो करोड़ रुपये के अग्रिम राशि का भुगतान कैथोलिक आर्च डायसिस को दिया, जिसके आर्च बिशप कार्डिनल तेलोस्फोर पी टोप्पो थे। फादर बाखला ने अपने सगे-संबंधियों को भी सहकारी समिति के कार्य क्षेत्र से बाहर एक करोड़ की राशि 23 सितंबर 2008 को एक वर्ष के लिए पंजाब नेशनल बैंक, कतरास रोड धनबाद में निवेश किया। यहां कार्यरत फेबियन कंडुलना प्रकाश कुजूर सहित 09 कर्मचारियों को सहकारी समिति अधिनियम के प्रावधान के प्रतिकूल मनमाने ढंग से नियुक्त किया गया। बाद में उन्हें सेवा से हटाया गया तथा अनियमित तरीके से फलदार पौधों का क्रय करते हुए राशि का भुगतान किया गया।