National Games SCAM: राष्ट्रीय खेल घोटाले में दो-दो FIR... CBI पटना खोलेगी रसूखदारों का राज
National Games SCAM झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर राष्ट्रीय खेल घोटाले में दो प्राथमिकियां दर्ज हुईं हैं। सीबीआइ पटना के अधिकारी इस मामले का अनुसंधान करेंगे। दोनों प्राथमिकियां सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में 22 अप्रैल को दर्ज हुई हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand National Games SCAM झारखंड के बहुचर्चित 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले में सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में दो अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। दोनों ही प्राथमिकियों के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के पटना स्थित एसीबी के दो अधिकारियों को बनाया गया है। झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआइ ने गत 22 अप्रैल की तिथि में ही ये प्राथमिकियां दर्ज की है। 34वां राष्ट्रीय खेल घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है, इसमें ऊंची कीमत पर बिना टेंडर खेल सामग्री की खरीद सहित कई अन्य मामले शामिल हैं। वहीं दूसरा मामला मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता का है, जिसका बजट 206 करोड़ से 424 करोड़ रुपये हो गया था।
प्राथमिकी संख्या एक : मेगा स्पोर्ट्स कांपलेक्स के निर्माण में अनियमितता की प्राथमिकी
सीबीआइ ने पहली प्राथमिकी झारखंड हाई कोर्ट से एक जनहित याचिका पर 11 अप्रैल 2022 को जारी आदेश पर दर्ज की है। यह प्राथमिकी वर्ष 2011 में रांची में आयोजित 34वें राष्ट्रीय खेल के लिए रांची में निर्मित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता से संबंधित है। इसके अनुसंधान पदाधिकारी सीबीआइ के पटना स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी सुरेंद्र दीपावत को बनाया गया है। पूरा मामला धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और पद के दुरुपयोग से संबंधित है।
यह प्राथमिकी अज्ञात लोक सेवक व अज्ञात निजी व्यक्तियों के विरुद्ध दर्ज की गई है। झारखंड हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल 2022 को 2017, 2018 व 2019 में दाखिल तीन अलग-अलग पीआइएल पर सुनवाई के बाद सीबीआइ को जांच का आदेश दिया था। इसमें झारखंड विधानसभा की कमेटी की नौ जनवरी 2008 की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। पूर्व की रिपोर्ट के अनुसार 424 करोड़ रुपये के रांची, धनबाद व जमशेदपुर में बने मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में भी अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। मेगा स्पोर्ट्स निर्माण के लिए पहले 206 करोड़ रुपये का बजट था, जो बढ़कर पहले 340 करोड़ और फिर 424 करोड़ रुपये हो गया।
प्राथमिकी संख्या दो : भोला नाथ सिंह के बयान पर दर्ज की दूसरी प्राथमिकी
सीबीआइ ने अपनी दूसरी प्राथमिकी पहले से एसीबी झारखंड में भोला नाथ सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए दर्ज की है। यह पद का दुरुपयोग, विश्वासघात, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने सं संबंधित है। इसमें चार आरोपितों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। आरोपितों में 34वें राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के चेयरमैन सह झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव आरके आनंद, समिति के संगठन सचिव एसएम हासमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा शामिल हैं।
इस प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पटना के इंस्पेक्टर श्रीनारायण बनाए गए हैं। आरोपों में ऊंची कीमत पर खेल सामग्री खरीदने, बगैर टेंडर के बिरसा मुंडा स्टोटर्फ हाकी स्टेडियम में 11 करोड़ रुपये की लागत से हाई मास्ट लाइट लगाने, आयोजन समिति के आरोपितों पर एक करोड़ रुपये अंतरराष्ट्रीय व घरेलू उड़ान पर खर्च करना आदि शामिल हैं।