National Games Scam: तीन राज्यों में सीबीआइ का छापा... राष्ट्रीय खेल घोटाले के दस्तावेज जब्त... जानिए, कैसे पचा गए 28.34 करोड़
CBI Raid on National Games Scam झारखंड के रांची धनबाद बोकारो गोड्डा व दुमका बिहार के पटना व दिल्ली में हुई है छापेमारी। सभी ठिकाने इस घोटाले के सभी आरोपितों से संबंधित। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की एनजीओसी के कार्यकारी अध्यक्ष रहे आरके आनंद आदि के ठिकाने पर पड़ा छापा।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के बहुचर्चित 34वां राष्ट्रीय खेल घोटाले का अनुसंधान कर रही सीबीआइ की पटना स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के नेतृत्व में तीन राज्यों के 16 ठिकानों पर सीबीआइ के अधिकारियों ने गुरुवार की सुबह एक साथ दस्तक दी। इनमें झारखंड के रांची, धनबाद, बोकारो, गोड्डा व दुमका जिले, बिहार में पटना व दिल्ली स्थित ठिकाने शामिल हैं। सभी ठिकाने पूर्व मंत्री बंधु तिर्की, राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व सांसद आरके आनंद, झारखंड के तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा, तत्कालीन संगठन सचिव एसएम हाशमी और झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के तत्कालीन कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व उनके सहयोगियों से संबंधित हैं। इस छापेमारी में सीबीआइ को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिसकी समीक्षा चल रही है।
ताला तोड़कर कार्यालय में घुसी सीबीआइ टीम
रांची में सीबीआइ की टीम ने मोरहाबादी स्थित एनजीओसी के दफ्तर में भी छापा मारा। दफ्तर में ताला बंद था, जिसे तोड़कर सीबीआइ के अधिकारी कार्यालय में पहुंचे और वहां मौजूद दस्तावेज की छानबीन की तथा दस्तावेज जब्त किया। खेलगांव में भी खेल आयोजन से जुड़े एक पदाधिकारी के यहां छापेमारी हुई है। पूर्व मंत्री बंधु तिर्की के रांची के पंडरा क्षेत्र में बनहौरा स्थित निजी आवास व मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास में भी सीबीआइ की टीम ने छापेमारी की है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में सजा होने के बाद विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके बंधु तिर्की फिलहाल दिल्ली में हैं। उनकी सदस्यता खत्म होने के बाद मांडर विधानसभा सीट पर 23 जून को उपचुनाव की घोषणा भी हो चुकी है। चुनाव के पूर्व ही उनके आवास पर सीबीआइ का छापा पड़ गया है।
आयोजन के दौरान घोटाले का है मामला
राष्ट्रीय खेल घोटाले में सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में 22 अप्रैल को दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। इसके अनुसंधानकर्ता सीबीआइ के पटना स्थित एसीबी के दो अधिकारियों को बनाया गया था। 34वां राष्ट्रीय खेल झारखंड में वर्ष 2011 में 22 फरवरी से 26 फरवरी तक हुआ था। इसी आयोजन के दौरान घोटाले का मामला है। पूरा घोटाला 28.34 करोड़ रुपये का है, इसमें ऊंची कीमत पर बिना टेंडर खेल सामग्री की खरीद सहित कई अन्य मामले शामिल हैं। वहीं दूसरा मामला मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता का है, जिसका बजट 206 करोड़ से 424 करोड़ रुपये हो गया था।
पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर यह है आरोप
पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की पर आरोप है कि उन्होंने धनबाद में दो स्क्वैश कोर्ट के निर्माण में वित्तीय अनियमितता की। स्क्वैश कोर्ट के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई की एक कंपनी जाइरेक्स इंटरप्राइजेज को दी गई थी। कंपनी ने 1,44,32,850 रुपये का एस्टीमेट दिया था। इस प्रस्ताव पर आयोजन समिति के महासचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन खेल निदेशक तथा सचिव की अनुशंसा के बाद फाइल तत्कालीन विभागीय मंत्री (खेल मंत्री) बंधु तिर्की के पास भेजी गई थी। बंधु तिर्की ने नीतिगत निर्णय लेते हुए 20 अक्टूबर 2008 को इसे अनुमोदित कर दिया था। इसमें कंपनी को अग्रिम 50 लाख रुपये दिए गए थे, लेकिन बाद में बिना स्वीकृति के भुगतान के कारण वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई थी।
सीबीआइ ने 22 अप्रैल को दर्ज की दो प्राथमिकी
झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर गत 22 अप्रैल को सीबीआइ की रांची स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुई थीं पहली प्राथमिकी मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता से संबंधित है। यह प्राथमिकी वर्ष 2011 में रांची में आयोजित 34वें राष्ट्रीय खेल के लिए रांची में निर्मित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में अनियमितता से संबंधित है। इसके अनुसंधान पदाधिकारी सीबीआइ के पटना स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीएसपी सुरेंद्र दीपावत को बनाया गया है। पूरा मामला धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और पद के दुरुपयोग से संबंधित है। इसमें झारखंड विधानसभा की कमेटी की नौ जनवरी 2008 की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया था। पूर्व की रिपोर्ट के अनुसार 424 करोड़ रुपये के रांची, धनबाद व जमशेदपुर में बने मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के निर्माण में भी अनियमितता की पुष्टि हो चुकी है। मेगा स्पोर्ट्स निर्माण के लिए पहले 206 करोड़ रुपये का बजट था, जो बढ़कर पहले 340 करोड़ और फिर 424 करोड़ रुपये हो गया।
दूसरी प्राथमिकी पहले से एसीबी झारखंड में
भोला नाथ सिंह के बयान पर दर्ज प्राथमिकी टेकओवर करते हुए दर्ज की गई थी। यह पद का दुरुपयोग, विश्वासघात, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने सं संबंधित है। इसमें चार आरोपितों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। आरोपितों में 34वें राष्ट्रीय खेल आयोजन समिति के चेयरमैन सह झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव आरके आनंद, समिति के संगठन सचिव एसएम हासमी, कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक व तत्कालीन खेल निदेशक पीसी मिश्रा शामिल हैं। इस प्राथमिकी के अनुसंधानकर्ता सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो पटना के इंस्पेक्टर श्रीनारायण बनाए गए हैं। आरोपों में ऊंची कीमत पर खेल सामग्री खरीदने, बगैर टेंडर के बिरसा मुंडा एस्टोटर्फ हाकी स्टेडियम में 11 करोड़ रुपये की लागत से हाई मास्ट लाइट लगाने, आयोजन समिति के आरोपितों पर एक करोड़ रुपये अंतरराष्ट्रीय व घरेलू उड़ान पर खर्च करना आदि शामिल हैं।