एक करोड़ के लोन घोटाले में 2 बैंक मैनेजर और एक वकील को पांच-पांच साल की सजा
11 साल पहले हुए घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने यह सजा सुनाई है। तत्कालीन बैैंक मैनेजर पर 20-20 लाख व वकील पर 15 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को एक करोड़ रुपये लोन घोटाले में बैंक ऑफ बड़ौदा रांची मेन ब्रांच के तत्कालीन वरीय शाखा प्रबंधक कैलाश नाथ व शाखा प्रबंधक (क्रेडिट) सुधीर लकड़ा एवं सिविल कोर्ट रांची के अधिवक्ता राजीव रंजन उर्फ अरविंद को दोषी करार देते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई। सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एके मिश्रा की अदालत ने दोनों बैंक मैनेजर पर 20-20 लाख एवं अधिवक्ता को 15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने कि स्थिति में इनको डेढ़ से दो साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
रांची में यह पहला मामला है जब किसी अधिवक्ता को अदालत ने धोखाधड़ी एवं जालसाजी के आरोप में पांच साल की सजा सुनाई है। मेसर्स नीलम स्पाइस के संचालक सतीश कुमार साहू एवं संतोष कुमार साहू ने 0.81 एकड़ रकबा को 2.81 एकड़ कर जमीन की फर्जी सेल डीड तैयार कर अक्टूबर 2005 में एक करोड़ रुपये का बैैंक से लोन लिया था। घोटाला के बाद सीबीआइ ने 17 दिसंबर 2008 को कांड संख्या आरसी 14/2008 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ की थी। जांच के बाद मई 2010 में छह आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें से एक आरोपित की मौत हो गई है। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर वरीय लोक अभियोजक एसके यादव ने 40 गवाह प्रस्तुत किए थे।
चारा घोटाला मामले में पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत तीन आरोपितों के बयान दर्ज
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में शुक्रवार को सीबीआइ कोर्ट में पूर्व सांसद व लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा एवं लेखापाल बुचुन लाल के बयान दर्ज हुए। मामले में 111 आरोपितों के बयान दर्ज किए जाने हैं। इस मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद का बयान दर्ज होना बाकी है। 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में सीबीआइ ने कांड संख्या आरसी 47ए/96 दर्ज किया था।